क्या झारखंड में सबकुछ ठीकठाक चल रहा है ? शायद नहीं ! क्योंकि पिछले 24 घंटे के घटनाक्रमों पर अगर गौर करें तो राज्य के सत्ताधारी दलों के दिग्गज नेताओं, यहां तक कि मंत्री के भी सुर बदले बदले नजर आ रहे हैं. चलिए सबसे पहले आप राज्य के कांग्रेसी मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव के बयान को सुनें……
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रामेश्वर उरांव (मंत्री- झारखंड सरकार)
सुना आपने…. ये हैं राज्य के सत्ताधारी दल में शामिल कांग्रेस के मंत्री जो मनिका में एक मिलन समारोह के दौरान राजद को बिहार की पार्टी बताते हुए कहा झारखंड में राजद का कोई जनाधार नहीं है…..
अब राजद भला कैसे चुप रह सकती है. आखिर सत्ता में उसकी भी भागीदारी है. लगे हाथ राजद प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेसी मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें बूढ़ा करार देते हुए कांग्रेस की औकात तक दिखा डाली….. सुनिए क्या कहा राजद प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने
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अभय कुमार सिंह (प्रदेश अध्यक्ष राजद)
वैसे बात यहीं तक सिमट कर नहीं रह गई इन दोनों नेताओं से एक कदम आगे झामुमो नजर आ रही है वो तो अपने ही पार्टी के एक निष्कासित नेता रवि केजरीवाल और अशोक अग्रवाल पर पार्टी के विधायकों को सरकार गिराने के लिए खरीद- फरोख्त करने का आरोप मढ़ दिया है. यहां तक कि इसको लेकर झामुमो द्वारा 12 अक्टूबर को धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की बात कही गई है. दोनों पर भादवि की धारा 124 ए, 171 ई, 120 डी, 34, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 8 और 9 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जमशेदपुर के घाटशिला से जेएमएम विधायक रामदास सोरेन ने बजावते प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी.
सुनिए क्या कहा रामदास सोरेन ने….
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रामदास सोरेन (झामुमो विधायक- घाटशिला)
सुना आपने… फिलहाल मामले के जांच की जिम्मेदारी हटिया के एसपी विनीत कुमार को दी गई है.
बतौर रामदास सोरेन जेएमएम से निष्कासित पूर्व कोषाध्यक्ष केजरीवाल और अशोक अग्रवाल उनके आवास पर आए, और रवि केजरीवाल ने उन्हें यह भी प्रलोभन दिया कि उन्हें पैसे के साथ मंत्रीपद भी दिया जाएगा. यह भी कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार गिराने के लिए वे कितना पैसा लेंगे उन्हें बताएं. दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि रवि केजरीवाल और अशोक अग्रवाल मिलकर हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने का षडयंत्र कर रहे हैं, और तरह- तरह का प्रलोभन उन्हें व उनके पार्टी के अन्य विधायकों को दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि सीएम को मामले की जानकारी दे दी है. पार्टी छोड़ने के लिए रवि केजरीवाल ने उन्हें आर्थिक प्रलोभन दिया था.
वैसे कांग्रेस के विधायकों के खरीद फरोख्त का मामला अभी निपटा भी नहीं है, कि इसी तरह का एक नया मामला सामने आ गया है. उधर राजद- कांग्रेस के बीच जुबानी जंग चरम पर है, ऐसे में ये कहना कि राज्य में सबकुछ ठीकठाक चल रहा है ये बेमानी होगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा कौन. वैसे चिंगारी उठी है तो आग लगना तय माना जा रहा है.