GAMHARIA गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बिंदापुर गांव में बने उप स्वास्थ्य केंद्र व सड़क बदहाल, ग्रामीणों ने सरकार से स्वास्थ्य व सड़क सेवा चालू करने की मांग की है. न डॉक्टर बैठते न ही, स्वास्थ्य कर्मी. इलाज के लिए 30 किमी दूर जाने को मजबूर है मरीज.
देखिए हमारे अतिथि संवाददाता रासबिहारी मंडल की ग्राउंड जीरो से विशेष रिपोर्ट
खंडहर में तब्दील होता उप स्वास्थ्य केंद्र
सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत जयकान पंचायात के बिंदापुर गांव के ग्रामीणों को 12 वर्ष पूर्व बने उप स्वास्थ्य केंद्र का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकार की ओर से आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 12 वर्ष पूर्व भवन का निर्माण तो कर दिया गया. लेकिन हाल यह है, कि न तो यहां चिकित्सक बैठते हैं, न ही स्वास्थ्य कर्मी. ग्रामीण बताते हैं, कि उपकेंद्र का लाभ नहीं मिलने से उन्हें इलाज करने के लिए पड़ोसी जिला पूर्वी सिंहभूम नदी पार कर 30 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर एमजीएम अस्पताल जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के लिए 12 वर्ष पूर्व उप केंद्र भवन का निर्माण किया गया था, तब ग्रामीणों में आशा जगी थी, कि यहां चिकित्सक बैठेंगे और लोगों को झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा, लेकिन भवन तो तैयार हो गया न तो चिकित्सक आते हैं न हीं स्वास्थ्य कर्मी. हाल यह है कि भवन भी जर्जर होने लगा है. भवन की खिड़की व दरवाजे में लगे शीशे टूटने लगे हैं. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर एमजीएम अस्पताल व सदर अस्पताल जमशेदपुर ले जाने में देरी हो जाती है. जिसके कारण मरीजों का देहांत भी हो जाता है. ग्रामीणों ने सरकार से अविलंब उपकेंद्र पर स्वास्थ्य कर्मी की तैनाती करने की मांग की है.
उप स्वास्थ्य केंद्र के चारों तरफ उगे घास, केंद्र के शौचालय भी हो चुके हैं खराब
वहीं उप स्वास्थ्य केंद्र भवन में बने शौचालय भी खराब हो चुके हैं. उप स्वास्थ्य केंद्र के अंदर में लगा चापाकल भी खराब पड़ा हुआ है. शौचालय में पानी नहीं आने से बेकार पड़ा हुआ है. ग्रामीणों की मानें तो उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन बना कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. उप स्वास्थ्य केंद्र के चारों तरफ घास उगे पड़े हैं. भवन के अंदर सांप और बिच्छू का अड्डा बन चुका है.
10 वर्ष पूर्व बना सड़क भी बदहाल
ग्रामीणों का कहना है कि बिंदापुर गांव से लेकर तालसा पूर्वी सिंहभूम बॉर्डर तक सड़क का निर्माण कार्य किया गया था. परंतु निर्माण के अभाव से सड़क में बड़े- बड़े गड्ढे हो चुके हैं. सड़क से पत्थर निकल पड़े हैं. ग्रामीणों को आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र व जमशेदपुर जाने के लिए काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. छात्र सही समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं एवं मजदूर भी समय पर कंपनी नहीं पहुंच पाते हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
12 वर्ष पूर्व स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार है. यहां आज तक न कोई डॉक्टर बैठता है, न कोई नर्स. दुर्भाग्य की बात है, कि हमलोगों को 30 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर एमजीएम अस्पताल जाना पड़ता है.
विक्रम मार्डी (ग्रामीण)
पंचायत के लोगों को सरकारी बुनियादी सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है. स्वास्थ्य व सड़क सेवा बदहाल है. नई सरकार से उम्मीद है कि गांव में चिकित्सा व सड़क दुरुस्त होगी व ग्रामीणों को लाभ मिलेगा.
मानुराम हेंब्रम (ग्रामीण)
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को सरकार दुरुस्त करें व केंद्र में चिकित्सक के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं, ताकि सरकारी स्वास्थ सेवा का लाभ ग्रामीणों को मिल सके.
मानु टुडू (ग्रामीण)
स्वास्थ्य उपकेंद्र शुरू करने को लेकर कई बार प्रशासन से नर्स और डॉक्टर की व्यवस्था करने की गुहार लगाई गई. खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
दामोदर गोप (ग्रामीण)