आज पूरा देश के दो- दो महान विभूतियों की जयंती है. कृतज्ञ राष्ट्र के राष्ट्रभक्त अधिकारी, नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दोनों विभूतियों की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनके बताए आदर्शों पर चलते हुए देश को आगे ले जाने का प्रण लिया गया.
हालांकि जीवन में कितना आत्मसात करेंगे ये तो वही जाने. क्योंकि हम जो तस्वीर यहां आपको दिखा रहे हैं उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत भजपाइयों को इतना भी ध्यान नहीं रहा कि बापू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के दौरान जमीन पर शास्त्री जी की तस्वीर भी रखी हुई थी, जिन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद बापू के साथ फोटो खिंचवाने के क्रम में ये भी भूल गए कि नीचे शास्त्री जी की आत्मा को कितना ठेस पहुंच रहा होगा.
खैर ये हमे पता नहीं चलता, मगर क्या करें छपास नेताओं ने अपने कृत्य को अपने- अपने शोषल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए कि बापू और शास्त्री जी के सबसे बड़े शुभचिंतक यही लोग हैं. खैर हमें बुरा लगा हमने समाज को आइना दिखा दिया. तय आपको करना है. वैसे सत्ता जाने के बाद भाजपाई यों को अपने बड़े नेताओं की जयंती भी याद नहीं रहती, रहती है पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती माना डालते हैं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती.
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