पश्चिम बंगाल में भवानीपुर सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी सांसद दिलीप घोष चुनाव प्रचार करने पहुंचे. इस दौरान उनक पर कथित तौर पर हमला हुआ और धक्का मुक्की की गई. इसका आरोप उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया.
प्रचार के दौरान हंगामा इतना बढ़ गया कि दिलीप घोष को सुरक्षाकर्मियों को पिस्तौल निकालनी पड़ी. दिलीष घोष ने मांग की कि उपचुनाव रद्द होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमारे जैसे नेता को सुरक्षा नहीं है तो आम आदमी कैसे जाकर मतदान करेगा. इसलिए इस परिस्थिति में चुनाव संभव नहीं है. निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है, इस उपचुनाव को रद्द कर देना चाहिए. जब माहौल शांत होगा तब चुनाव करवाया जाए.
बीजेपी सांसद ने कहा, “आज सबने देखा कि क्या घटना हुई. यहीं हिंसा की घटना होती है क्योंकि यहां की सीएम बिना विधायक बने सीएम बनी हुई हैं. 20-25 गुंडो ने हम पर हमला किया और कार्यकर्ताओं को जमीन पर पटक पटक मारा. चुनाव घोषणा होते ही हम जब से चुनाव प्रचार में गए हैं हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. हम आज एक बस्ती में घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे, प्रचार पूरा हुआ तो हमारे ऊपर हमला हुआ.” टीएमसी से साधा निशाना दिलीष घोष के सुरक्षाकर्मियों की तरफ से पिस्तौल निकालने पर टीएमसी ने निशाना साधा है. टीएमसी ने कहा, “दिन के उजाले में जनता की तरफ बंदूक दिखाने की हिम्मत कैसे हुई? क्या लोगों को उन नेताओं के खिलाफ विरोध करने का अधिकार नहीं है जिनका वे समर्थन नहीं करते? मानवाधिकारों का ऐसा घोर उल्लंघन शर्मनाक है! यह भवानीपुर में लोगों की सुरक्षा और सुरक्षा से समझौता करता है!”
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