सरायकेला:वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव का सरकारी शिक्षको के संदर्भ में दिया बयान काफी निंदनीय है एवं जिले के शिक्षको में मंत्री के प्रति काफी रोष एवं आक्रोष है. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा हर स्तर पर उनका विरोध करेगा. उक्त बातें रविवार को एकीकृत पारा शिक्ष संघर्ष मोर्चा सरायकेला-खरसावां के जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहीं. श्री सरदार ने आगे कहा कि पारा शिक्षकों के स्थायीकरण का मामला भी चुनावी वायदों के विपरीत अबतक कमिटी के खेल हीं खेल रही है,पारा शिक्षकों के स्थायी समाधान में सरकार विफल रही है एवं आश्वासन ही सरकार अभी तक देते आ रही है.वित्त मंत्री का बयान राज्य के सरकारी शिक्षको के मनोबल को तोड़ने वाला है.राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों ने सिर्फ शिक्षण कार्य ही नहीं, बल्कि चुनाव, जनगणना, मिड डे मील, पशु गणना, कोविड कार्य, जन वितरण प्रणाली कार्य सभी में तत्पर हो खड़े होकर अपने कर्त्तव्य निर्वहन किया है. साथ ही विकट परिस्थितियों में भी राज्य में प्रारंभिक शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठाने का कार्य किया है. बावजूद इसके वित्त मंत्री का इस तरह का बचकाना बयान समझ से परे है. ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार एक षड्यंत्र के तहत सरकारी स्कूलों को कमजोर करने एवं प्राइवेट स्कूलों को फलने-फूलने के लिए कार्य कर रहे हैं. वित्त मंत्री जी को अपना बयान वापस लेना होगा. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा डॉ रामेश्वर उरांव के बयान की कड़ी निन्दा करता है. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सहित झामुमो, कांग्रेस व राजद सुप्रीमो से भी लिखित रूप से की जाएगी. डॉ उरांव के बयान से सूबे के तमाम शिक्षक समुदाय मर्माहत हैं. उन्हें सार्वजनिक तौर पर शिक्षक समुदाय से माफ़ी मांगनी चाहिए.