राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने गुरुवार को कांग्रेस को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस अब कमजोर हो गई है. लेकिन ये भी कहा कि बीजेपी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ही एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है.
शरद पवार ने इंटरव्यू में और क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं.
सवालः 2004 में कांग्रेस और लेफ्ट ने मिलकर करीब 4 साल तक सरकार चलाई. इसके बावजूद उन्होंने बंगाल और केरल में एक-दूसरे का विरोध किया. ममता भी सरकार का हिस्सा थीं. अब ये क्यों नहीं हो सकता?
शरद पवारः उस समय कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी. उस वक्त कांग्रेस के पास करीब 140 सांसद थे, लेकिन आज 40-45 सांसद ही हैं.
सवालः आप पूर्व कांग्रेसी रहे हैं. आज ऐसी स्थिति है कि 9 पूर्व कांग्रेसी अलग-अलग राज्यों में मुख्यमंत्री हैं. जैसे- जगन मोहन, ममता बनर्जी… क्या ये इसलिए है, क्योंकि कांग्रेस कमजोर है? या आप, मोदी और बीजेपी का मुकाबला करने में असमर्थ हैं? क्या समय आ गया है कि सभी ताकतें एकजुट हों? या वो सभी साथ आएं जो कांग्रेस से अलग हैं और क्षेत्रीय रूप से मजबूत हैं, क्या उन्हें साथ आना चाहिए? क्या कांग्रेस कमजोर कड़ी है?
शरद पवारः हां ये सही है. कांग्रेस के नंबर भी यही कहते हैं. लेकिन देश में यही एकमात्र प्रासंगिक पार्टी है. उसकी 5-7 राज्यों में सरकार है.
सवालः 5-7 नहीं. सिर्फ तीन में. बाकी में गठबंधन में है ?
शरद पवारः जो भी हो, लेकिन वो सत्ता (अलग-अलग राज्यों में) में है. बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय मौजूदगी रखने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है. हम पुरानी कांग्रेस को देखने के आदी हैं, लेकिन आज की कांग्रेस उसके करीब भी नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस कमजोर हो गई है. बहुत से लोगों ने पार्टी छोड़ दी है. अगर आप सभी को एक साथ लाकर एक विकल्प बनाना चाहते हैं…लेकिन सवाल ये है कि विकल्प क्या है ? मैं सत्ता हासिल करने को विकल्प नहीं कहूंगा, लेकिन स्थिरता के लिए और सहमत विकास कार्यक्रम को आगे ले जाने के लिए विकल्प मानूंगा, जिसे कांग्रेस आज कर नहीं पा रही है.
सवालः संयुक्त विपक्ष का चेहरा कौन हो सकता है? क्योंकि जब हम ममता बनर्जी की बात करते हैं तो कांग्रेस नेता कहते हैं कि हमारे नेता राहुल गांधी हैं.
शरद पवारः जब इसकी बात आती है तो कांग्रेस नेता ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं. मैंने पहले यूपी के जमींदारों की एक कहानी सुनाई थी, जिनके पास बड़ी-बड़ी हवेलियां और जमीनें थीं. लैंड सीलिंग एक्ट के बाद उनकी जमीनें सिकुड़ जाती हैं. उनके पास हवेलियों के रखरखाव की शक्ति भी नहीं बची. लेकिन रोज सवेरे वो सब उठकर जमीन को देखते हुए यही कहते कि ये सब हमारा है. कांग्रेस की मानसिकता भी कुछ ऐसी ही है. वास्तविकता को स्वीकारना होगा.
सवालः तो क्या ये एक बर्बाद राज्य का नेतृत्व करने जैसा है?
शरद पवार (हंसते हुए): नहीं, मैं ऐसा नहीं कहूंगा
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