यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन में दिनदहाड़े लूट की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. ज्वेलरी की दुकान में हुई लूट की वारदात का खुलासा करते हुए पुलिस ने दावा किया कि इसे दुकान में काम करने वाले एक कर्मचारी के दोस्त ने ही अंजाम दिया था.
वह बुर्का पहन कर पहुंचा था और लूट की वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने लूट की वारदात में मिलीभगत के आरोपी कर्मचारी समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया है. गोमती नगर एक्सटेंशन के गीतापुरी चौराहे पर स्थित गोल्ड हाउस ज्वेलरी की दुकान में बुर्का पहनकर पहुंचे बदमाश ने कर्मचारी प्रदीप रावत को पिस्टल सटाकर किनारे बांध दिया था. बदमाश ज्वेलरी लूट ले गया था. दिनदहाड़े लूट की घटना की सूचना मिलते ही एक्टिव हुई पूर्वी लखनऊ की क्राइम ब्रांच की टीम और पुलिस ने 24 घंटे के अंदर इस वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने इस मामले में ज्वेलरी शॉप के कर्मचारी प्रदीप रावत, उसके दोस्त इमरान और संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दावा किया है कि कर्मचारी प्रदीप रावत ने ही इस पूरी घटना का ताना-बाना बुना था. प्रदीप ने ही अपने दोस्त इमरान को बुर्का पहनकर बुलवाया, दुकान में लूट करवाई और फिर इमरान से खुद को बंधवा कर कहानी गढ़ दी कि बुर्का पहन कर आए लुटेरों ने पिस्तौल लगाकर उसे बांध दिया और दुकान लूट ली. तीसरा आरोपी संदीप गुप्ता उस वाहन का चालक था, लूट के बाद जिससे इमरान फरार हुआ था. घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को शुरुआती तफ्तीश के बाद ही प्रदीप पर शक हो गया था. घटना के बाद पुलिस ने प्रदीप से गहन पूछताछ की. पिछले कई दिनों के बारे में उससे जानकारी जुटाई, वहीं दूसरी तरफ एक टीम ने प्रदीप के मोबाइल नंबर को खंगालना शुरू किया. मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन से पता चला की जिस वक्त प्रदीप लूट की घटना बता रहा है, उससे ठीक पहले उसकी एक मोबाइल नंबर पर बात हुई थी. पुलिस को कॉल डिटेल में जिस मोबाइल नंबर पर बात किए जाने की जानकारी मिली वह बुर्का पहन कर पहुंचे इमरान का था. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने लूट का सारा जेवरात बरामद कर लिया है. पुलिस कमिश्नर ने 24 घंटे के अंदर वारदात का खुलासा करने वाली टीम को नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया है.