रिम्स में ब्लैक फंगस का एक और मरीज बुधवार को भर्ती कराया गया है. मरीज साबिना खातून पुटकी धनबाद की रहनेवाली बतायी जा रही है. महिला में ब्लैक फंगस का लक्षण दिखने के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया है. रिम्स प्रबंधन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है, कि इस मरीज के बाद अब ब्लैक फंगस मरीजों की कुल संख्या छह से बढ़कर सात हो गई है. इसके साथ ही ब्लैक फंगस के कुल मरीजों को ओल्ड ट्रॉमा सेंटर, न्यू ट्रॉमा सेंटर और डेंगू वार्ड में भर्ती कराया गया है. इनमें दो मरीज ओल्ड ट्रॉमा सेंटर, तीन डेंगू वार्ड और दो न्यू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है.
इन सब के बीच राहत की खबर यह है कि अभी रिम्स में एक भी कोविड मरीज भर्ती नहीं है. करीब एक सप्ताह के बाद फिर रिम्स में एक भी कोविड का मरीज नहीं बचा है. सभी स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं. हालांकि अभी रिम्स में पोस्ट कोविड के 15 मरीज इलाजरत हैं.
क्या कहते हैं चिकित्सक
कोरोना से अभी खतरा टला नहीं है. लोगों को सावधानी रखना बेहद जरूरी है, इसमें सबसे जरूरी साफ मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना है. डाक्टरों का भी मानना है कि लोगों को स्वच्छता का ख्याल रखना जरूरी है ताकि कोई दूसरी बीमारी भी ना हो सके. कोरोना काल में सैकड़ों कोविड केस के मामले को देखने वाले डा अभिषेक कुमार रामधीन बताते हैं कि सिर्फ मास्क लगाना ही काफी नहीं है. जरूरी है कि मास्क साफ भी हो. अगर मास्क साफ नहीं है और इसे लगातार लगाया जा रहा है तो कोविड के साथ-साथ ब्लैक फंगस के फैलने का खतरा सबसे अधिक बढ़ जाता है. लोगों को इसे लेकर जागरूक रहने की जरूरत है. अभी भी वक्त है लोग संभल जाए और बाजार में दूरी बनाकर रखें. ऐसा ना हो कि स्थिति पहले जैसी हो जाए और संक्रमण रूकने का नाम ना ले. अभी जिस हालात से सभी बाहर निकले हैं उसमें कई ने अपने परिवार के सदस्यों को बेवजह खोया है. इस बीमारी को हल्के में ना लिया जाए और मास्क के साथ सैनिटाइजर का भी प्रयोग करें.
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