झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से शुक्रवार को इस साल का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. इसको लेकर कहीं खुशी तो कहीं गम दिखने लगा है. वैसे इस साल छात्रों में गम दिखना थोड़ा विचलित करने वाला प्रकरण है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण इस साल लगभग सभी छात्रों को पास कर दिया गया है. वैसे कुछ छात्र फेल भी हुए हैं. इसको लेकर छात्रों में नाराजगी है. जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज के फेल छात्रों ने शनिवार को कॉलेज कैंपस में जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. जिन्हें अखिल झारखंड छात्र मोर्चा का भी समर्थन मिला. छात्र नेता हेमंत पाठक ने इसे झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मनमानी बताते हुए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया, कि वैसे छात्रों को किस आधार पर फेल कर दिया गया जिन्होंने फर्स्ट ईयर में बेहतर मार्क्स लाए थे. उन्होंने बताया, कि राज्य में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. जैक इस रुख से राज्य के कई छात्रों का भविष्य अंधकार में हो गया है. वहीं कॉलेज प्रशासन ने भी जैक की इस गलती को स्वीकार किया है. कॉलेज प्रशासन का कहना है, कि इस साल रिजल्ट के पीछे कॉलेज का कोई भूमिका नहीं है. कॉलेज की ओर से केवल आंतरिक और प्रायोगिक मार्क्स दिया गया है. बाकी जैक द्वारा रिजल्ट जारी किया गया है. कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्रों को भरोसा दिलाया गया है, कि वे छात्रों की मांगों से जैक प्रबंधन को अवगत करा देंगे. वहीं छात्रों ने साफ कर दिया है, कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं की जाती है तब तक उनका धरना जारी रहेगा.
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