सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज चौधरी की सोमवार देर रात बुरी तरह पिटायी हुई है. हालांकि दिनभर मनोज चौधरी के समर्थन में भाजपाई गोलबंद रहे. अंततः मनोज चौधरी ने सरायकेला थाने में खुदपर जानलेवा हमला और सोने की चेन, हाथ की घड़ी, चश्मा, पैसे एवं जरूरी कागजात छीनने का आरोप लगाते हुए सूर्यराज सिंहदेव उर्फ बड़ा बाबू, दशरथी परीक्षा और लिपू महंती के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
उधर सूर्यदेव सिंहदेव ने भी उपाध्यक्ष मनोज चौधरी पर अपने समर्थकों के साथ मिलकर गाली- गलौज करते हुए मारपीट करने एवं 40 हजार रुपए मूल्य के सोने की चेन और पर्स से बीस हजार रुपए लूटने का आरोप लगाते हुए सरायकेला थाने में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है, कि 12 जुलाई को इंद्रटांडी निवासी रघुनाथ आचार्य का निधन हो गया था. उनके पार्थीव शरीर का आंतिम संस्कार करने के पश्चात खरकई नदी के जगन्नाथ घाट में नहाकर वापस घर लौट रहा था. तभी जगन्नाथ मंदिर में शोर- शराबा सुनाई दिया तो मैं अंदर गया. वहां देखा कि नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए 50 से अधिक व्यक्तियों का जमावाडा लगाये हुए है.
इस पर मैने आपत्ति किया, तो मनोज के पांच दस समर्थक मुझसे उलझ गये और गाली- गलौज करते हुए बोले की ज्यादा उड़ रहा है, तुमको सबक सिखाते हैं. कह कर मनोज चौधरी व समर्थक लात- घूंसों से मारपीट करने लगे. मैने जान बचाने के लिए हल्ला किया, तो आस पास के लोग इकट्ठा होने लगे. लोगों को आते देख उन्होंने मुझे छोड दिया. जबतक मैंने अपने आपको संभाला, तबतक मेरे गले से 40 हजार रुपए मूल्य के सोने का चेन और नगद बीस हजार गायब थे. उन्होंने भी मनोज चौधरी पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. इधर मनोज चौधरी ने खुद पर हुए हमले को झामुमो नेताओं का साजिश करार देते हुए बताया, कि नगर पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर काबिज होने के साथ वे जगन्नाथ सेवा समिति के संरक्षक एवं आजीवन सक्रिय सदस्य तथा जगन्नाथ मेला समिति के अध्यक्ष हैं. सोमवार की रात तीन 9:30 बजे जगन्नाथ श्री मंदिर प्रांगण में वे सेवायतों के साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत बैठक करते हुए रथयात्रा कार्यक्रम के सुचारू संपन्न कराने पर विचार विमर्श कर रहे थे. इसी बीच रात्रि 9:55 में पांच युवक मंदिर प्रांगण में प्रवेश किए और अभद्र भाषा एवं गाली- गलौज का प्रयोग करने लगे. जिसका कारण बताया गया, कि मनोज चौधरी द्वारा फेसबुक में सेवायतो के साथ फोटो पोस्ट की गई थी. जिससे मंदिर कमेटी की गोपनीयता भंग हुई है. और बगैर मास्क के फोटो शोषल मीडिया पर डालकर उन्होंने रथयात्रा के आयोजन का श्रेय खुद लेते हुए कोविड प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया है. विदित रहे हैं, कि साकार की ओर से इस साल रथ यात्रा पर रोक लगायी गयी थी. बावजूद इसके सरायकेला जगन्नाथ सेवा समिति की ओर से सरकार और प्रशासन के आदेशों को धत्ता बताते हुए रथ यात्रा आयोजित किया गया और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ. हालांकि विवाद का मूल जड़ भी यही माना जा रहा है. अंदरखाने की अगर माने तो आयोजकों द्वारा बेहद ही गोपनीय तरीके से रथयात्रा निकालने की रणनीति बनी थी लेकिन मनोज चौधरी ने सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कर आयोजकों के साथ प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. इसी को लेकर विवाद बढ़ा और नौबत हाथापाई की आ गयी. हालांकि सरायकेला के इतिहास में यह पहली घटना है. जब रथ यात्रा को लेकर मारपीट की नौबत आई हो. उधर भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. गौरतलब है, कि सरायकेला नगर उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष भी हैं. इसको लेकर भाजपाइयों ने बैठक करते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की. और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए कहा. अब झामुमो कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी सड़क पर दिखने लगी है. जिससे सरायकेला की आम जनता त्रस्त हो रही है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से 24 घंटे के भीतर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दिया है, कि अगर पुलिस प्रशासन ऐसा करने में नाकाम रहती है, तो भाजपा उग्र आंदोलन को बाध्य हो जाएगी.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष गणेश महाली ने कहा, कि यदि 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्यवाई नहीं किया गया, तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन के लिए विवश हो जाएगी. कुल मिलाकर सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष को योगी अवतार रास नहीं आया और रथ यात्रा के आड़ में उनकी पिटाई की चर्चा दिन भर सरायकेला में सुर्ख़ियों में रही. हालांकि पुलिस दोनों पक्षों की शिकायत पर मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है. अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि इस इस प्रकरण का अंजाम क्या होगा.
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