वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के नाम पर देश में राजनीति चरम पर है. केंद्र सरकार जहां वैश्विक महामारी से निपटने का दावा कर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता प्रखंड, अंचल और जिला स्तर पर घूम- घूम कर पीएम मोदी को वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से लड़ने के लिए सक्षम योद्धा करार दे रहे हैं. हालांकि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, उन राज्यों को भाजपाई जमकर कोस रहे हैं. और कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में वहां की सरकारों को विफल करार दे रहे हैं. सोमवार को झारखंड के सरायकेला स्थित भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में कोरोना महामारी के कार्यकाल को लेकर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश आनंद गोस्वामी ने शिरकत की. जहां उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह सफल बताते हुए कहा आज प्रधानमंत्री के कारण देश में हर महीने 5 लाख पीपीई किट बन रहे हैं. कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश भर में 4000 अस्पतालों का निर्माण कराया गया है. वही पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और कोरोना से निपटने की दवाइयों का निर्माण हो रहा है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री के दूरदर्शी सोच के कारण संभावित तीसरे लहर से निपटने की भी तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है. उन्होंने स्वदेशी वैक्सीन को इस वैश्विक महामारी से निपटने में पूरी तरह कारगर बताया और इसका श्रेय भी पीएम मोदी को ही दिया. इतना ही नहीं भाजपा नेता ने राज्य सरकार पर वैक्सिंग को लेकर जनता को गुमराह करने और मेडिकल सुविधा राज्य वासियों को उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल बताया, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया, कि 21 साल के झारखंड में 5 साल किसने शासन किया. क्या भाजपाइयों की यह जिम्मेदारी नहीं बनती, कि आखिर 16 साल राज्य में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों नहीं खड़ा किया गया. बहरहाल आगामी पंचायत और निकाय चुनावों को देखते हुए इसे राजनीतिक हथकंडा के रूप में देखा जा सकता है. वैसे देश के वैज्ञानिकों ने तीसरे लहर को लेकर अलर्ट कर रखा है बावजूद इसके झारखंड में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है ऐसे में अगर तीसरे लहर में कोई नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी भी चुनाव आयोग को तय करनी चाहिए.
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