पिछले 2 दिनों से सरायकेला और आसपास के इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण एक ओर जहां सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही है, वही आदित्यपुर नगर निगम के सभी 35 वार्डों की स्थिति बदहाल हैं. इधर चांडिल डैम के आसपास बसे गांव जलमग्न हो चुके हैं. कई गावों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.
हद तो ये है, कि सरायकेला जिला मुख्यालय स्थित सिविल कोर्ट लगातार हो रहे बारिश से एक बार फिर से टापू में तब्दील हो गया है. तस्वीरों को देखकर आप साफ समझ सकते हैं, कि किस तरह सिविल कोर्ट टापू में तब्दील हो चुका है. कोर्ट के भीतर जलजमाव के कारण अधिवक्ताओं का प्रवेश करना भी दुश्वार हो गया है. इसको लेकर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के निगरानी समिति के सदस्य ओम प्रकाश ने झारखंड राज्य नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर सिविल कोर्ट में हर साल बारिश के मौसम में होने वाले जलजमाव से निजात दिलाने की मांग की है.
उन्होंने लिखा है, कि पुराना एसडीओ कोर्ट परिसर के समीप जलजमाव होने के कारण और टाटा- कांड्रा- सरायकेला मुख्य मार्ग से होकर गुजरने वाली सड़क के किनारे बने नालियों की साफ-सफाई नहीं होने के कारण यह स्थिति बनती है. जिससे हर साल बारिश के मौसम में कोर्ट जलमग्न हो जाता है. इसके लिए उन्होंने नगर पंचायत को जिम्मेवार बताया है. उन्होंने कोर्ट परिसर में हुए जलजमाव की एक वीडियो क्लिप भी सचिव को उपलब्ध कराई है.
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