सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के पारगामा गांव में कल 13 जून को होने वाली “गुणधर महतो स्मृति मेला”को लेकर मेला के संस्थापक व संरक्षक तथा लेखक गुरुचरण महतो ने अंतिम निर्णय लेते हुए कहा कि कोरोना का प्रकोप, प्रोटोकॉल और सरकारी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष यह मेला अत्यंत ही लघु रूप में आयोजित किया जाएगा. जिसमें सिर्फ और सिर्फ चुनिंदा आमंत्रित अतिथि और दर्शक ही उपस्थित होंगे. उन्होंने आगे कहा कि माल्यार्पण और मौन सभा के बाद मेरी हालिया प्रकाशित पुस्तक “हिंग्लिश” को बेस्ट सेलिंग बनाने वालों को विशेष उपहारों से सम्मानित भी किया जाएगा.
इस दौरान गम्हरिया के उभरते आर्टिस्ट भवतोष महतो द्वारा कड़ी मेहनत और समझदारी से पेंटिंग किया गया 19 किलो वजनी लोहे के बोर्ड का भी उद्घाटन किया जाएगा. जिसमें गुणधर के संक्षिप्त जीवन-परिचय को बेहतरीन राइटिंग में लिखा गया है. इससे पहले इन्होंने स्व गुणधर महतो का पेंसिल स्केच भी हुबहू बनाया था. मेला के अंत में एक लघु छौ पाला (अरुणासुर वध) का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें असुर सम्राट अरुणासुर की भूमिका में स्वयं गुरुचरण पहली बार अभूतपूर्व छऊ नृत्य का प्रदर्शन करेगा.
मेले की सारी विधि-व्यवस्था हर वर्ष की तरह इस बार भी टीम गुणोदय ही संभालेगी.
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