सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी से रोजाना सैकड़ो अबैध बालू ढुलई करते ट्रेक्टर सड़को पर आसानी से देखे जा सकते हैं. चाहे वह तिरुलडीह- पुरुलिया सड़क हो या कारकीडीह- चौका रोड़. इस बालू के अबैध कारोबार में कई बालू माफिया चांदी काट रहे है.
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सूचना तो यह भी है, कि स्थानीय प्रशासन भी इनके साथ मिला हुआ है. लोकल ट्रेक्टर मालिको का दुहाई देकर क्षेत्र में बालू का अबैध कारोबार दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहा है. तिरुलडीह स्वर्णरेखा नदी में श्मशान घाट के सामने दर्जनों अबैध बालू का डम्प देखा जा सकता है.
वहीकई बालू माफिया अपनें गांव में भी बालू डैम्प किये है. जहाँ से पश्चिम बंगाल को बालू सफ्लाई किया जाता है. वही कारकीडीह घाट से रोज सैकड़ो ट्रेक्टर से बालू चांडिल और टाटा भेजा जाता है. खबर तो ये भी है, कि कई गुट को चलाने वाले बालू माफिया ट्रेक्टर मालिको से पुलिस प्रसाशन के नाम से पैसा भी उठाते है. इसमें कहां तक वास्तविकता है, ये तो जांच का विषय है. वैसे आज से ही पूरे राज्य में एनजीटी कानून लागू कर दिया गया है. इसके तहत पूरे राज्य में बालू खनन और उठाव पर रोक है. हालांकि सरायकेला जिले में बालू माफिया किसी कानून और पाबंदियों को नहीं मानते और धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन और उठाव करते हैं.
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