सरायकेला जिले के गम्हरिया के रायबासा उत्क्रमित मध्य विद्यालय की शिक्षिका राधी पूर्ति द्वारा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन पात्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मानसिक रूप से प्रताड़ित करने एवं द्वितीय सेवा पुस्तिका बनाए जाने के नाम पर अपने आदेशपाल गणेश गोप के माध्यम से क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के नाम पर 12 हजार रुपए घूस मांगे जाने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर भद्दी भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए आदित्यपुर थाने में एससी/ एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. साथ ही जिले के एसपी को भी इस मामले से अवगत कराते हुए खुद के लिए इंसाफ की गुहार लगाई थी. लेकिन पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आरोपी खुलेआम ऑफिस आकर शिक्षकों को मुंह चिढ़ा रहे हैं और अपनी नौकरी कर रहे हैं. अब निराश शिक्षिका राधी पूर्ति ने इंसाफ नहीं मिलने की बात कही है. चूंकि इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इससे निराश अब शिक्षिका ने एक पत्र अजा/जजा आयोग के सहायक निदेशक को लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई है.
*विभागीय जांच भी सुस्त*
शिक्षिका राधी पूर्ति ने आदेशपाल गणेश गोप द्वारा घूस मांगे जाने का ऑडियो भी संबंधित पदाधिकारियों को उपलब्ध कराया था. मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक नारायण प्रसाद विश्वास ने बीते 10 मई को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम 3.1. (I) (II) एवं (III) का खुल्लम- खुल्ला उल्लंघन मानते हुए शो- कॉज जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर आदेशपाल से स्पष्टीकरण लेते हुए खुद का भी स्पष्टीकरण तलब किया था. क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने स्पष्टीकरण में पूछा है, कि अधोहस्ताक्षरी यानी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के नाम पर किसके आदेश से प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के आदेशपाल द्वारा घूस मांगी गई थी. साथ ही चेतावनी दिया है, कि अगर स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं हुआ और तय समय सीमा के भीतर नहीं दिया गया, तो सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 के तहत कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी, लेकिन अब तक आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है.