कोविड 19 का तीसरा वेव बहुत ज्यादा घातक होगा. अभिभावकों से अपील है, कि वे छोटे बच्चों ख्याल रखे. उन्हें संक्रमण से बचाएं. क्योंकि छोटे बच्चे मास्क नहीं पहनते लेकिन पांच-छह साल के बच्चों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनाएं.
यह कहना है झारखंड के सबसे बड़े निजी अस्पतालों में शुमार टाटा मेन हॉस्पिटल के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी का. मंगलवार शाम टेली कांफ्रेंस के माध्यम से डा. चौधरी ने बताया, कि तीसरा वेव जब तक आएगा तब तक 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले अधिकतर युवा वैक्सीन ले चुके होंगे, जबकि इससे कम उम्र वाले बच्चों को इसका असर पड़ेगा.
टाटा मेन हॉस्पिटल भी इस दिशा में सोच रहा है. डॉक्टर चौधरी का कहना है, कि वैक्सीन लेने वाले बहुत कम ही संक्रमित हो रहे हैं, और संक्रमित होने पर वे ज्यादा गंभीर रूप से बीमार भी नहीं हो रहे हैं. लेकिन विश्व के दूसरे देशों की तरह तीसरा वेव भी आना लगभग तय माना जा रहा है. इसलिए इसे देखते हुए हम अपनी तैयारी कर रहे हैं.
वहीं डॉ राजन चौधरी ने बताया, कि देखा जा रहा है कि जो लोग होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं, वे बिना डाक्टरी जांच के स्टेरॉयड ले रहे हैं लेकिन यह काफी खतरनाक है. जो लोग स्टेरॉयड ले रहे हैं, उनमें न्यूक्रो फंगल या ब्लैक फंगल के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इसमें फंगल नाक की नली से चिपक जाता है आंख को प्रभावित करता है.
इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. एंटी फंगल के दवा की उपलब्धता काफी कम है. इसलिए कोई भी अपनी मर्जी से स्टेरॉयड न लें. टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया, कि पिछले सप्ताह से संक्रमण में हल्की सी रुकावट है.
टीएमएच की रिकवरी रेट भी 77.64 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जबकि पॉजिटिविटी रेट भी पिछले सप्ताह के 48.93 प्रतिशत के मुकाबले में 32.84 प्रतिशत पर है. हम उम्मीद कर रहे हैं, अगले 10 दिनों में शहर में सेकेंड वेब का संक्रमण कम हो सकता है.
डॉ चौधरी ने बताया, कि टीएमएच सरकारी वैक्सीन सेंटर के रूप में कार्यरत है, लेकिन हमें अब तक राज्य सरकार की ओर से 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं को वैक्सीन नहीं मिला है, लेकिन हम राज्य सरकार व जिला प्रशासन के संपर्क में है. उन्होंने बताया, कि 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं के लिए वैक्सीन की बुकिंग बुधवार से खुल जाएगी.
चौधरी ने बताया, कि पिछले चार दिनों में कुल 76 मरीजों की मौत हुई है, जबकि 204 नए कोरोना संक्रमित मरीज टीएमएच में भर्ती हुए. उन्होंने बताया, कि 40 से 60 वर्ष के 26, 60 से 80 वर्ष के 43, जबकि 40 वर्ष से कम उम्र के सात मरीजों की मौत हुई है.
उन्होंने बताया, कि कोरोना के सेकेंड वेब से सात युवाओं की भी मौत हुई है. इनमें पूर्वी सिंहभूम के 64, सरायकेला के 9, धनबाद के 2 जबकि एक अन्य मरीज है.
उन्होंने बताया कि पहले वेब की तुलना में सेकेंड वेब में कोविड से मरने वाले मरीजाें की संख्या ज्यादा है. इसमें जिन्हें कैंसर, फेफड़े का संक्रमण, ब्लड प्रेशर, शुगर की समस्या है उसमें कोरोना का संक्रमण तेजी से प्रभावित करता है.