सरायकेला/ Pramod Singh जिला समाहरणालय में शुक्रवार को अपर उपायुक्त जयवर्धन कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गई. बैठक में बाल श्रम उन्मूलन को लेकर रणनीति बनाई गई. इसके तहत धावा दल का गठन करने पर सहमति जताई गई. धावा दल अपने अपने क्षेत्र में कार्यरत बाल श्रमिकों का रेस्क्यू करेंगे और उन्हें पुनर्वास से जोड़ेंगे.


जानकारी देते हुए अपार उपायुक्त जयवर्धन कुमार ने बताया कि जिले में बाल श्रम करवाने वाले प्रतिष्ठान किसी भी हालत में बक्से नहीं जाएंगे. बाल श्रम करवाते हुए पकड़े जाने पर 20 हजार से लेकर 50 हजार तक का आर्थिक दंड एवं छह माह से दो वर्ष की सजा भुगतनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन को लेकर धावा दल का गठन किया गया है. अपर उपायुक्त के नेतृत्व में जिला स्तरीय धावा दल, अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में अनुमंडल स्तरीय धावा दल एवं अंचलाधिकारी के नेतृत्व में अंचल स्तरीय धावा दल कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि दल में संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी एवं सीडीपीओ को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. यह दल अपने अपने क्षेत्र में संचालित होटल, गैरेज, दुकान एवं सभी प्रकार के प्रतिष्ठान का औचक निरीक्षण करेगा. निरीक्षण के क्रम में बाल श्रम करवाते हुए पकड़े जाने पर प्रतिष्ठान के संचालक पर बाल श्रम अधिनियम 1986 की धारा 14(i) के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि बाल श्रम से मुक्त होने वाले बाल श्रमिकों को पुनर्वास के तहत किसी आवासीय विद्यालय में उनका नामांकन करवाया जाएगा और उनके परिवार को आवास, पेंशन, मनरेगा आदि सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. अपर उपायुक्त ने कहा कि जिला को बल श्रम मुक्त जिला बनाना प्राथमिकता है. इसके लिए उन्होंने सभी पदाधिकारियों को लगातार निरीक्षण करने का निर्देश दिया.
