आदित्यपुर: पूरे राज्य में प्रचंड गर्मी का सितम जारी है. सरायकेला जिले का पारा 43 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. इंसान त्राहिमाम कर रहे हैं. मगर एक विभाग ऐसा है जिसकी गर्मियों में जिम्मेदारी बढ़ जाती है वह लापरवाही की सारी हदें पार कर रहा है वो विभाग है बिजली विभाग.


यहां हम बात कर रहे हैं झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम के आदित्यपुर सब डिवीजन की. इसके कल्पनापुरी फीडर से जुड़े निर्मल नगर में पिछले 10 घंटे से बिजली नहीं है. इसको लेकर विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं है. स्थानीय उपभोक्ताओं ने विभाग के एसडीओ से लेकर जेई तक से संपर्क किया मगर किसी भी स्तर से सामाधन नहीं किया गया, न ही फॉल्ट की जानकारी दी जा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण और उपभोक्ताओं के मौलिक अधिकारों का हनन है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बगैर बिजली के निर्मल नगर के उपभोक्ता पिछले 10 घंटे से किस हाल में रह रहे होंगे. उसमें छोटे- छोटे बच्चे, बुजुर्ग, रोगी भी होंगे. यदि किसी के साथ कोई अनहोनी होती है तो क्या विभाग को दोषी नहीं माना जाए ?
*मैन पवार के नाम पर कहीं बड़ा खेला तो नहीं ?*
विभागीय सूत्रों की मानें तो जेई, लाइनमैन और मीटर रीडिंग आउटसोर्सिंग कर्मियों के जिम्मे है. विभाग के बड़े अधिकारियों और सरकार का दावा है कि हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त मात्रा में मैनपावर उपलब्ध हैं. वहीं जब बिजली कटती है तो मैनपावर के कमी का हवाला देकर जेई और लाइनमैन कन्नी काट लेते हैं. अंदरखाने की मानें तो विभागीय एसडीओ के मिलीभगत से एजेंसी के साथ मिलीभगत कर मैनपावर में बड़ा गोरखधंधा चल रहा है. सूत्र बताते हैं कि कागज पर जो मैनपावर दिखाया जाता है जमीन पर उतने मैनपावर से काम नहीं लिया जा रहा है. खैर यह तो जांच का विषय है मगर इस प्रचंड गर्मी में यदि शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता दस- दस घंटे बगैर बिजली के हैं तो विभाग पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. मगर सवाल यह है कि जिम्मेदारी तय करेगा कौन ?
