चांडिल: रांची- टाटा नेशनल हाईवे संख्या 33 पर चांडिल थाना क्षेत्र के पारडीह स्थित प्राचीन काली मंदिर के महंत सह जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत विद्यानंद सरस्वती फिर सुर्ख़ियों में हैं. दरअसल इसबार महंत ने चांडिल थाना पुलिस की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर खुद के और मंदिर की सुरक्षा की गुहार लगाई है. मजे की बात ये है कि यह पूरा मामला सत्य से परे है.


क्या है मामला
मीडिया रिपोर्ट की माने तो महंत विद्यानंद सरस्वती ने चांडिल थाने में आवेदन देकर स्थानीय रैयत सपन महतो व उसके भाई शंकर महतो, पिता स्व. भूतनाथ महतो पर हथियार का भय दिखाकर मंदिर के पुजारियों को धमकाने का आरोप लगाया है. इसपर चांडिल थाना प्रभारी डिलसन बिरुआ ने बताया कि ऐसी कोई शिकायत महंत द्वारा नहीं की गई है. बीते 7 अप्रैल को महंत जी ने आवेदन दिया था मगर बाद में उन्होंने सपन महतो एवं शंकर महतो द्वारा माफी मांगने पर अपना आवेदन वापस ले लिया था फिर मीडिया में किस आधार पर खबर छपी है इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. महंत जी यदि पुनः आवेदन देते हैं तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
असल वजह क्या है ?
दरअसल इस विवाद का जड़ मंदिर का कुछ जमीन है. सपन महतो एवं उसके भाई शंकर महतो का दावा है कि पांच डिसमिल जमीन को महंत मंदिर की संपत्ति बताकर कब्जा करना चाहते हैं इसी को लेकर जब उनसे बातचीत करने गया तो विवाद बढ़ गया. वैसे महंत विद्यानंद सरस्वती का दावा है कि जिस जमीन पर सपन और शंकर दावा कर रहे हैं उस जमीन को उनके पिता भूतनाथ महतो ने मंदिर को दिया है इसका उनके पास प्रमाण है. हालांकि बाद में थाना में दोनों पक्षों की मौजूदगी में माफी मांगने के बाद मामला शांत हो गया फिर मीडिया में रिपोर्ट छपना कहीं न कहीं मामले को तूल देने का काम है.
