सरायकेला/ Pramod Singh जिले का सदर अस्पताल चिकित्सा सुविधाओं को लेकर कम बल्कि मरीजों को रेफर करने के कारण रेफरल अस्पताल के नाम से अधिक जाना जाता है. यहां के चिकित्सक भी मनमाने ढंग से अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हैं. सदर अस्पताल ले कुछ चिकित्सक तो ऐसे हैं जिनका व्यवहार मरीजों के साथ जेल की कैदियों से भी बदतर है वहीं कुछ चिकित्सक अपनी ड्यूटी से हमेशा गायब रहने को लेकर प्रसिद्ध हैं. सदर अस्पताल के एक ऐसे ही चिकित्सक हैं डॉ रजक.


सदर अस्पताल में डॉ. उमेश रजक शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में पदस्थापित हैं, किंतु वे सदर अस्पताल में कम और अपने किसी निजी क्लीनिक में अधिक समय व्यतीत करते हैं. इससे सदर अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले गरीब परिवार अपने बच्चों के उपचार को लेकर डॉक्टर साहब का घंटो इंतजार करते है.
बुधवार को एक ऐसा ही वाकया सामने आया. जहां चिकित्सक की ड्यूटी सुबह 9 बजे से थी. गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों का उपचार कराने के लिए सुबह से ही पर्ची बनवाकर लाइन में खड़े होकर डॉक्टर साहब के आने का इंतजार कर रहे थे. किंतु 11 बजे तक भी डॉक्टर साहब अपने ड्यूटी पर नहीं पहुंचे. चिकित्सक के समय से अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण कई गंभीर रूप से बीमार बच्चे तड़पते रहे और उनके परिजन लाइन में खड़े रहकर बच्चे को ढाढस बंधाते रहे और चिकित्सक का इंतजार करते रहे.
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि डॉ रजक की यह दिनचर्या बन चुकी है. वे कभी भी 12 बजे से पहले अपनी ड्यूटी पर नहीं आते. सदर अस्पताल के चिकत्सक ही नहीं बल्कि कई ऐसे कर्मी है, जो समय से अस्पताल नहीं आते और आते भी हैं तो थोड़ी देर बाद बाहर निकल जाते हैं.
मालूम हो कि सदर अस्पताल के संचालित होने का समय सुबह 9 बजे से है लेकिन शायद ही कोई सुबह समय से अस्पताल पहुंचा होगा. आखिर गरीबों के लिए बनवाया गया सदर अस्पताल की व्यवस्था कब दुरुस्त होगी ? इस संबंध में जब सिविल सर्जन अजय कुमार सिन्हा से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया वे इस मामले की जांच करेंगे. जांच में सही जा पाए जाने पर उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
