जमशेदपुर: झारखंड में बांग्ला भाषा संस्कृति को संजोए राज्य स्तरीय बंगीय उत्सव 2025 का रविवार को भव्य आयोजन बिष्टुपुर गोपाल मैदान में किया गया. यह आयोजन बंगीय उत्सव समिति के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ. इस उत्सव में झारखंड के कोने- कोने से कलाकार, साहित्यकार और दर्शक जुटे.

इस उत्सव के पहले सत्र में अतिथि के रूप में राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, हाता माताजी आश्रम के बिनय बाबाजी, पूर्व विधायक कुणाल सारांगी, उत्सव समिति के चेयरमैन पार्थ सारथी चटर्जी, अध्यक्ष अमित कुमार पत्रों, कार्यकारी अध्यक्ष अपर्णा गुहा, इंद्रजीत, पुराबी घोष, अंशु सरकार, प्रकाश मुखर्जी, महासचिव उत्तम गुहा ने द्वीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया.
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि भाषा संस्कृति को बचाने में समाज के लोगो को आगे आने की जरूरत है. समाज के लोग अपने बच्चो को मातृ भाषा में पढ़ाने में आगे आएं. वर्तमान सरकार मातृभाषा में पठन- पाठन की व्यवस्था में अग्रसर है. बंगला भाषा की पढ़ाई की व्यवस्था भी की जा रही है.
चेयरमैन पार्थ सारथी चटर्जी ने स्वागत भाषण जबकि अपर्णा गुहा ने बंगबंधु समाज की उपलव्धिया लोगों के समक्ष रखा. इस दौरान विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. युगपुरुष सम्मान से सम्मानित अंशु सरकार और उनकी टीम द्वारा रोग मुक्ति व स्वस्थ रहने के लिए भुजंगासन नोकसान अर्धमासचन्द्रासना ससंगासना, एकपदसिकासन सहित 27 योगासन पदर्शित किया गया.
चाईबासा के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक नृत्य शैली से समां बंधे रखा. प्रसिद्ध बांसुरी वादक अशोक दास और माउथ ऑर्गन वादक विकास कुमार शीट की जुगलबंदी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया.
चास बोकारो के योग यौगिक आसन मुद्रा स्वावलंबी विद्यापीठ पुकुंकी आश्रम के मंडली द्वारा योग व आध्यात्मिक संगीत की प्रस्तुति की गई. वहीं रांची के सजल बनर्जी व उनकी टीम द्वारा संगीतमय प्रस्तुति दी गई. मानभूम पुरुलिया के कुंदन कुमार ने “स्वर्ग उपरे…”, “रसियन लुक…”, “अंचल ढाका…”, व कनिका कर्मकार ने “सालपियाल पोलास बोने…”, “भालो बेसेछीली सुदु तोके…” आदि राड बांग्ला संगीत की प्रस्तुति से कार्यक्रम स्थल का समा बांध दिया.
दूसरे सत्र का उद्घाटन विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो एवं झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने किया. मौके पर बंगीय उत्सव समिति के पेट्रोन अंशुमान चौधुरी, अध्यक्ष अमित कुमार पत्रो, कार्यकारी अध्यक्ष अपर्णा गुहा, शुभंकर चटर्जी, पूरबी घोष, इंद्रजीत घोष, महासचिव उत्तम गुहा आदि द्वारा बांग्ला भाषा के उत्थान के लिए मांग पत्र दिया. रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि बंगला भाषा के साथ क्षत्रिय भाषाओं को भी साथ लेकर चले. बंगला एक समृद्ध भाषा है. आप सभी बंगला भाषा हर क्षेत्र में बोलचाल में लाए. कार्यक्रम में स्थानीय विधायक सरयू राय भी उपस्थित थे. पूर्व विधायक कुणाल सारंगी द्वारा बांग्ला गीत “एटा कि 2441139 बेला बोस…” प्रस्तुत किया गया. जमशेदपुर के सौमी बोस, संदीप बोस, सुदीप्ता दास व उनकी टीम द्वारा वसंत ऋतु के थीम पर कथक व रबिन्द्र संगीत पर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गयी.
स्टार जलसा सुपर स्टार फेम रांची की अंकिता बसु बनर्जी ने “छुपी छुपी सोव गोलपेरा..”, भालोबेसे सोखी निभृते जोतने…”, अबूझ मोन बोझेना करोन…” और उनके साथ एवं ए.आर. हार्ट बिट्ज़ के राणा बनर्जी ने संगत किया. संध्या में बांग्ला लोकगीत गायिका पौशाली बनर्जी की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति से हजारों की भीड़ को बंधे रखा.
इस भव्य आयोजन में झारखंड के सभी जिलों से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. यह उत्सव न केवल बंगाली समुदाय के लिए बल्कि झारखंड की समग्र सांस्कृतिक विरासत के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ. आयोजन समिति ने इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए सेल्फी पॉइंट, फ़ूड फेस्टिवल सहित विभिन्न तरह की बांग्ला संस्कृति की का स्टॉल लगाया.
