जमशेदपुर: पुलिस के बहादुरी के खूब चर्चे हो रहे हैं. यही वजह है कि पुलिस के अलाधिकारी न तो फोन उठा रहे हैं न अपने बहादुरी का बखान कर रहे हैं. दरअसल जमशेदपुर के जुगसलाई थाने की पुलिस ने ऐसी शर्मनाक हरकत कर डाली है जिससे पुलिस के अलाधिकारीयों के पास मुंह छिपाने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता बचा नहीं है.

आगे बढ़े इससे पहले आप आपको बता दें कि दो दिन पूर्व यानि होली के दिन जुगसलाई थाने के निजी चालक छोटू के साथ जुगसलाई विंध्यवासिनी मंदिर के समीप किसी बात को लेकर विजय राय नामक युवक के साथ कहासुनी हो गई. विजय राय के साथ उसका चचेरा भाई सूरज राय और निरंजन नामक युवक भी मौजूद था. सभी बगबेड़ा डीबी रोड के रहनेवाले हैं. सूरज राय होली की छुट्टियों में घर आया हुआ था. वह एक सैनिक है और श्रीनगर में पदास्थापित है. छोटू थाने पहुंचता है उसके बाद थाना से फोन कर सभी को तलब किया जाता है उसके बाद तीनों की बेरहमी से पिटाई के बाद चालान कर दिया गया. मजे की बात ये है कि थानेदार सेना का प्रोटोकॉल भी भूल गए उन्होंने न तो स्थानीय आर्मी कैम्प को इसकी जानकारी दी और न ही जवान जहां पोस्टेड है उसके हेडक्वार को इसकी जानकारी दी.
यहां तक कि सैनिक के परिजन और शहर के पूर्व सैनिक थाने में सूरज राय से मिलने और थानेदार से सैनिक का गुनाह जानने पहुंचे मगर उन्हें न तो सैनिक से मिलने दिया गया न थानेदार ने उनसे मुलाक़ात की. यहां तक कि पूर्व सैनिकों ने जमशेदपुर एसएसपी और सिटी एसपी को भी फोन लगाया मगर उन्होंने भी कोई रिप्लाई नहीं दिया. इसको लेकर पूर्व सैनिकों में घोर नाराजगी है.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि जमशेदपुर में किसका राज है ? एक सैनिक के साथ यदि इस तरह का व्यवहार हो रहा है तो आम सिविलियन के साथ क्या हो रहा होगा अंदाजा लगा लीजिये. शहर में अपराधी बेलगाम है. चोरों के हैंसले बुलंद हैं और जमशेदपुर के जांबाज पुलिस अधिकारी एक सैनिक के साथ बर्बरता कर अपनी बहादुरी का परिचय दे रहे हैं. राज्य सरकार इस मामले पर मौन है. राज्य के डीजीपी अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं इस मामले पर मौन हैं यदि सेना एक्शन में आ गई तो इसका अंजाम क्या होगा इसकी परिकल्पना कर सकते हैं. वैसे इसकी परिष्ठभूमि जमशेदपुर पुलिस तैयार कर चुकी है. क्योंकि भारतीय सैनिक अपने जख्म का हिसाब लेना जानती है. जमशेदपुर पुलिस ने एक सैनिक के शरीर पर जो जख्म दिए हैं उससे पूर्व सैनिको में आक्रोश है. कहीं यह आक्रोश भारतीय फ़ौज तक न पहुंच जाए.
