आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है. जनप्रतिनिधियों की गैर मौजूदगी में अधिकारी एवं कर्मी मनमाने ढंग से पैसों की उगाही कर रहे हैं. किसी भी तरह के मामले हो बे रोक-टोक कर्मी से लेकर अधिकारी तक पैसों की मांग कर रहे हैं. नक्शा पास कराना हो या पानी का कनेक्शन सभी कामों के दर तय हैं. सूत्रों की मानें तो वैध नक्शा पास करने के एवज में भी मोटी रकम की डिमांड की जाती है. नहीं देने पर महीनों तक फाइल दबा दिया जाता है. जबतक चढ़ावा नहीं पहुंचता तबतक एनओसी नहीं दी जाती है.

बता दें कि नक्शा पास कराने के बाद आप चाहे जिस तरह से काम करना चाहें करें कोई रोकटोक करनेवाला नहीं होगा. इसके सैकड़ों उदाहरण आपको नगर निगम क्षेत्र में देखने को मिल जाएंगे. वहीं सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. समूचे नगर निगम क्षेत्र में साफ- सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति चल रही है. करोड़ों के फॉगिंग मशीनें शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. करोड़ों की जलापूर्ति योजना सरकारी दांव- पेंच के चक्कर में दम तोड़ रहा है. बीच- बीच में योजना को लेकर हाईकोर्ट की फटकार और जनकल्याण मोर्चा की धुड़की मिलने पर दो- चार हफ्ते काम दिखाकर खानापूर्ति कर दी जाती है. खबर ये भी है कि पानी के कनेक्शन के एवज में पांच- पांच हजार तक नजराना वसूले जा रहे हैं. शायद ही कोई ऐसा काम नगर निगम में हो जिसके एवज में नजराना नहीं देना पड़े. इसकी चर्चा अब सड़कों से लेकर चौक- चौराहों पर होने लगी है. इनके अधिकारियों को इस बात से कोई लेनादेना नहीं रह गया है क्योंकि इनके ऊपर नियंत्रण किसी का नहीं है. जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाएं चाहे केंद्र सरकार की हो या राज्य सरकार की यदि जमीनी स्तर पर जांच हो जाये तो हक़ीक़त से पर्दा उठ सकता है. मगर सवाल ये है कि जांच करेगा कौन ! बताया जाता है कि साफ- सफाई के लिए बहाल एजेंसी की ओर से कितने कर्मियों को लगाया जाता है वह भी स्पष्ट नहीं है. इसके आड़ में भी बड़ा खेल चल रहा है. चुनिंदा वार्डों को छोड़ लागभग सभी वार्डों की जनता त्राहिमाम कर रही है. नाम नहीं उजागर करने शर्त पर एसीबी के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि राज्य के कई निकायों के अधिकारियों एवं कर्मियों की विभाग को शिकायत मिली है. इसपर काम चल रहा है जल्द ही बड़ा ट्रैपिंग हो सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि आदित्यपुर नगर निगम का एक कर्मी उनके चंगुल में आते- आते बच गया. एन मौके पर कर्मी को भनक लग गई और हमारा प्लान विफल हो गया.
किसी भी निवर्तमान पार्षदों को नहीं मिलता है सम्मान
हमारे पड़ताल के क्रम में कई निवर्तमान पार्षदों ने अपनी व्यथा साझा करते हुए निगम के प्रशासक के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. पूर्व पार्षदों ने बताया कि साहब को कभी एयरकंडीशन कार्यालय से बाहर नहीं देखा. जब कभी भी किसी समस्या को लेकर उनसे मिलने जाते हैं गेट पर बैठा सुरक्षा कर्मी हमारे साथ अपराधियों जैसा वर्ताव करता है. साहब को पर्ची लिखकर देनी पड़ती है साहब की मर्जी होती है तभी मिलने का सौभाग्य मिलता है. ज्यादातर साहब वीसी में होने की बात कहकर टाल देते हैं. मगर सच्चाई यही है कि साहब चाटुकारों से घिरे रहते हैं. हां साहब की एक खासियत ये है कि यदि कोई जनप्रतिनिधि उनके खिलाफ अड़ गया तो साहब उन्हें कॉफी पिलाना नहीं भूलते हैं. पूर्व पार्षदों ने बताया कि पूरे नगर निगम क्षेत्र में त्राहिमाम मचा हुआ है यदि सरकार समय रहते इनके अधिकारियों और कर्मियो पर नकेल नहीं कसती है तो नगर निगम लूट निगम बनकर रह जाएगा.
