कांड्रा/ Bipin Varshney सरायकेला थाना अंतर्गत कांड्रा- सरायकेला मार्ग पर भोलाडीह स्थित मेटालसा कंपनी के मजदूरों ने कंपनी के एचार अरशद अली और प्लांट हेड शशि कुमार के व्यवहार से क्षुब्ध होकर आठ सूत्री मांगो को लेकर हड़ताल शुरू कर दिया है. मजदूरों ने दोनों ही अधिकारियों पर जबरन मानसिक प्रताड़ना देकर उनसे काम कराने का आरोप लगाया है.
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क्या है यूनियन का आरोप
मेटालसा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राजीव पांडेय ने बताया कि दोनों ही अधिकारियों ने औद्योगिक शांति भंग करने एवं श्रमिकों को आंदोलन के लिए उकसाने का प्रयास किया है. बीते 27 फ़रवरी को दोनों ही अधिकारियों ने यूनियन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से जबरन हस्ताक्षर कराया गया है जो गलत है. उनके यूनियन के प्रभाव को कम करने का प्रयास किया गया जो सरासर श्रम कानूनों का उल्लंघन है. बिना वेतन के प्रतिदिन 3 से 5 घंटे का ओवर टाइम करने के लिए मजबूर किया जाता है. श्रमिकों पर मानसिक दबाव बनाकर जबरन कार्य करवाया जाता है. ताकि मजदूर विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर हों. उन्होंने बताया कि कंपनी परिसर में हुई दुर्घटनाओं की अनदेखी की जाती है. कंपनी में सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया जाता है. वर्क स्टैंडिंग ऑर्डर की प्रति कंपनी के नोटिस बोर्ड पर नहीं लगाया जाता है. व्हाट्सएप के माध्यम से 5 मिनट में नई नीतियां लागू कर श्रमिकों पर जबरन प्रभाव डाला जाता है. नाइट शिफ्ट अलाउंस नहीं दिया जाता है एवं वर्क स्टैंडिंग ऑर्डर की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जाती है.
क्या है मांग
यूनियन अध्यक्ष ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने एवं दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है. श्रमिकों से जबरन लिए गए हस्ताक्षर को अमान्य घोषित करते हुए दस्तावेज मजदूरों को लौटाने, अस्थाई और स्थाई कर्मचारियों को बिना वेतन कराए गए ओवरटाइम का पूरा भुगतान करने, अभिलंब भविष्य में जबरन श्रम पर पूर्णत रोक लगाने, औद्योगिक शांति बनाए रखने के लिए श्रमिक हितों की रक्षा हेतु पारदर्शी वार्ता प्रक्रिया सुनिश्चित कराने, कोरोना कल के दौरान केंद्रीय मंत्रालय द्वारा आर्थिक राहत राशि के दुरुपयोग की जांच कराने, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के दौरान मुख्य द्वार बंद कर श्रमिकों को जबरन रोकने की प्रथा बंद करने, वर्क स्टैंडिंग आर्डर का उल्लंघन कर केवल नाइट शिफ्ट और ए शिफ्ट कराए जाने की प्रथा पर रोक लगाने, नाइट शिफ्ट में श्रमिकों को उचित टी ब्रेक एवं आराम की सुविधा प्रदान करने की मांग की है.
आगे क्या
यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि एचआर एवं प्लांट हेड के इस व्यवहार की जानकारी ईमेल के जरिए प्रबंध निदेशक को दे दी गई है. साथ ही 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. यदि इनका मजदूर विरोधी रवैया जारी रहता है और उन्हें वार्ता हेतु आमंत्रित नहीं की जाती है तो यूनियन को मजबूरन कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी. यदि हमारी मांगों पर त्वरित संज्ञान नहीं लिया गया तो यूनियन श्रम न्यायालय, उच्च श्रम अधिकारियों एवं अन्य विभागों में शिकायत दर्ज करने के साथ-साथ श्रमिक आंदोलन एवं विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी. उन्होंने बताया कि हम आशा करते हैं कि प्रबंधन निष्पक्ष एवं शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करेगी ताकि औद्योगिक शांति बनी रहे एवं श्रमिकों के हितों की रक्षा हो सके.
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