सरायकेला/ Pramod Singh जिला शिक्षा पदाधिकारी संतोष गुप्ता के तानाशाही रवैया के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यक्रताओं ने मोर्चा खोल दिया है. पूर्व झामुमो जिला उपाध्यक्ष भोला महांती ने उपायुक्त से डीईओ को बर्खास्त करते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की है. डीईओ के इस तानाशाही के बारे में सूबे के मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री को भी जानकारी दिए जाने की बात कही है.
![](https://indianewsviral.co.in/wp-content/uploads/2025/01/requirement-e1736423809960.jpeg)
कहा कि डीईओ द्वारा आए दिन जिले के शिक्षकों को प्रताड़ित किए जाने की सूचना मिलती रहती है. शुक्रवार को एनआर प्लस टू उच्च विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंबिका प्रधान के साथ डीईओ द्वारा किया गया कृत्य प्रताड़ना की हद है. उन्होंने कहा कि डीईओ संतोष गुप्ता सरायकेला आने से पहले हजारीबाग में पदस्थापित थे. वहां भी डीईओ के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है. भोला महांती ने कहा कि अगर डीईओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं किया जाता तो झामुमो आंदोलन का रुख अख्तियार करेगा.
इधर झामुमो नेता उमेश भोल ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी का कृत्य शिक्षा और शिक्षक के अनुकूल नहीं है. वे खुद भ्रष्टाचार कर रहे हैं और शिक्षकों को भी भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के लिए दबाव बना रहे हैं. डीईओ के इस तानाशाही को झामुमो कभी बर्दास्त नहीं करेगा. जरूरत पड़ने पर झामुमो डीईओ के खिलाफ आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा.
झामुमो नेता शंभू आचार्य ने कहा कि जिले में डीईओ द्वारा शिक्षकों के साथ गलत और अभद्र व्यवहार किए जाने की सूचना निरंतर मिलती रहती है. शिक्षक समाज का एक सम्मानित पद है और डीईओ ने शिक्षिका के साथ किए गए अपने व्यवहार से समाज की प्रतिष्ठा का हनन करने की कोशिश की है. डीईओ का व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
क्या है मामला
मालूम हो कि शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी संतोष गुप्ता ने एनआर गवर्नमेंट सीएम एक्सीलेंस उच्च विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य अंबिका प्राधन पर बैकडेट में शिक्षकों के सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया था. जिस पर प्रभारी प्रधानाचार्य ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि बगैर सरकारी आदेश के वह ऐसा नहीं कर सकती हैं. इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उन्हें प्रभार मुक्त करने की धमकी दे डाली थी. जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस व्यवहार से प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंबिका प्रधान मूर्छित हो गई थी. जिसे वहां मौजूद शिक्षक- शिक्षिकाओं ने पानी छिड़क कर होश में लाया था. मीडिया से बातचीत के क्रम में प्रभारी प्रधानाचार्य ने बताया कि बगैर उनसे पूछे जिला शिक्षा अधीक्षक ने विद्यालय के दस शिक्षक- शिक्षिकाओं की सेवा पुस्तिका मंगा ली थी और उसपर हस्ताक्षर कर दिए थे. उन्हें बैक डेट में हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे थे. शुक्रवार को वे खुद विद्यालय पहुंच गए और शाम तक हस्ताक्षर नहीं करने पर पद मुक्त करने की धमकी देकर चले गए. उनके इस व्यवहार से उन्हें काफी सदमा लगा.
![](https://indianewsviral.co.in/wp-content/uploads/2023/07/inv1.png)