सरायकेला: अवैध अफीम की खेती के रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रचार- प्रसार और जागरूकता अभियान की सार्थकता अब नजर आने लगी है. जहां लोग अब खुलकर अफीम की खेती के विरोध में आगे आने लगे हैं. ऐसा ही नजारा शुक्रवार को सरायकेला- खरसावां जिला के सुदूरवर्ती दलभंगा ओपी परिसर में देखने को मिला. जहां 40 मौजा के 150 टोलों से करीब 250 ग्रामीणों का जुटान हुआ. इसमें समाज के मुंडा, मुखिया, प्रबुद्धजन भी मौजूद रहे. सभी ने एकसुर में अफीम की खेती न करने का प्रण लिया.
ग्रामीणों ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की मौजूदगी में खुद से प्रतिज्ञा ली और अफीम की खेती से दूर रहने की बात कही. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी से उन्होंने जान लिया है कि अफीम की खेती से न केवल कानूनी परेशानियां बल्कि स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि अब एक- एक गांव में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और जहां भी अफीम की खेती हो रही है उसे वहीं नष्ट कर दिया जाएगा. साथ ही ग्रामीणों को इससे होने वाले दुष्परिणामों से भी अवगत कराया जाएगा. ग्रामीण ने बताया कि इसके लिए गांव- गांव शिक्षा का अलख जगाया जाएगा. क्योंकि जब समाज शिक्षित होगा तभी इसे जड़ से मिटाने में सफल होंगे.
समाज के मुंडाओं ने बताया कि अगली बार से पुलिस- प्रशासन को इसके लिए आगे नहीं आना होगा. हम लोग खुद ही अफीम की खेती करने वाले किसानों को समाज से बहिष्कृत कर देंगे.
जन शिकायत सामाधन के तहत एसडीपीओ ने सुनी समस्या
इस दौरान अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने जन शिकायत समाधान कार्यक्रम आयोजित कर आम जनों की शिकायतों और समस्याओं को सुना और प्राप्त 14 आवेदन पत्रों पर संज्ञान लेते हुए विधि सम्मत कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया.
जोनल आईजी एवं कमिश्नर कर चुके हैं सराहना
बता दे कि सरायकेला- खरसावां जिला पुलिस- प्रशासन की टीम ने इस साल रिकॉर्ड अफीम की खेती को नष्ट किया है. इसकी सराहना कोल्हान कमिश्नर एवं जोनल आईजी ने भी की है.
एसपी ने की सराहना
एसपी मुकेश कुमार लुनायत ने ग्रामीणों के इस प्रयास की सराहना की और कहा पुलिस के जागरूकता अभियान और कार्रवाई की सार्थकता अब सामने आने लगे हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि जल्द ही जिले को अवैध अफीम की खेती से मुक्त कर लिया जाएगा. उन्होंने ग्रामीणों से इसका अधिक से अधिक प्रचार- प्रसार करने की अपील की.
इन्होंने किया जागरूक
इस बैठक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला, समीर कुमार सवैया, अंचल अधिकारी कुचाई, सुषमा सोरेन एवं ओपी प्रभारी दलभंगा ओपी द्वारा क्षेत्रीय भाषा मुंडारी, हो एवं संथाली भाषा में उपस्थित लोगों को अफ़ीम के दुष्प्रभाव एवं कानूनी कारवाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
ये रहे मौजूद
बैठक में रोलाहातु पंचायत के मुखिया सत्री सांगा, गोमेयाडीह पंचायत के मुखिया मंगल सिंह मुंडा, बारूहातू पंचायत के मुखिया रेखा मुनि उरांव, रुगुडीह पंचायत के पूर्व मुखिया लखीराम मुंडा, बारूहातू पंचायत के पूर्व मुखिया एवं 40 मौजा बकास्त मुंडारी खुटकट्टी के अध्यक्ष मानसिंह मुंडा, पूर्व जिला परिषद एमलिन नाग, बारूहातू मौजा मुंडा विजय सिंह मुंडा, रुगुड़ीह मौजा मुंडा बैकुंठ सिंह मुंडा, दलभंगा मौजा मुंडा विमल कुमार मुंडा, जोजोहतु मौजा, सोसोकडा, बीजार, धूनाडीह, बंधडीह, पडेया,देसवा पहाड़, मुटुगोडा, कदेरंगो, कोरवाडीह, हटनाबेड, मेरोम जंगा, कुदाडीह, बाडू, जेनालोंग बड़ेडीह, इचाडीह, सेलाईडीह, अतरा, सियाडीह, तरंबा, गिलुआ, पुनिसिर, रोलाहातु, कोर्रा, डांगिल, कोमय जोमब्रो, सिकरंबा, कसाराउली एवं अन्य गांव के ग्राम प्रधान (मौजा मुंडा एवं टोला मुंडाओं) ने अफ़ीम की खेती को स्वयं नष्ट करने का फैसला लिया एवं भविष्य में अफ़ीम के खेती नहीं करने का निर्णय लिया तथा सभी उपस्थित लोगों ने इस आशय की शपथ ली.