DESK लोकसभा चुनाव 2024 में सिंहभूम संसदीय सीट से प्रचंड जीत दर्ज करने वाली सांसद जोबा मांझी भी गीता कोड़ा की राह पर हैं. आपको बता दे कि चुनाव में एक तरफ़ा जीत हासिल करने के बाद सांसद जोबा माझी ने उलटकर एक बार भी सरायकेला विधानसभा की तरफ नहीं देखा है. यही गलती गीता कोड़ा ने भी की थी, जिसे जनता ने नकार दिया. उनकी दुर्गति ऐसी हुई कि विधानसभा चुनाव में भी गीता कोड़ा को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. हालांकि इस मामले में जोबा माझी भाग्यशाली रही. उन्होंने अपने पुत्र जगत मांझी को न केवल मनोहरपुर से टिकट दिलाया बल्कि चुनावी जीत भी दर्ज की. मगर राजनीति में कब किसके सितारे गर्दिश में चले जाएं यह कहना मुश्किल है. इसके अनेकों उदाहरण झारखंड की राजनीति में भरे पड़े हैं.
जोबा माझी जिन वायदों के साथ चुनाव जीतने में कामयाब हुई उसमें से फिलहाल एक भी वायदा पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या जलापूर्ति योजना है जो आधार में लटका हुआ है. सांसद ने अपने चुनावी सभाओं में इस समस्या को लेकर आवाज उठाने की बात कही थी. आवाज उठाना तो दूर की बात है सांसद ने एकबार भी क्षेत्र का दौरा तक नहीं किया है जिससे लोगों की नाराजगी बढ़ने लगी है.
इसके अलावा सरायकेला, राजनगर क्षेत्र की जनता भी सांसद को देखने के लिए तरस रही है. सरकारी कार्यक्रमों को छोड़ सांसद शायद ही कभी क्षेत्र में नजर आयी हों इसकी जानकारी किसी को नहीं है. ज्यादातर समय सांसद का चाईबासा- चक्रधरपुर और मनोहरपुर क्षेत्र में ही बीतता है. कुछ लोग मानते हैं कि भले जोबा माझी सांसद बन गई हैं मगर वे खुद को आज भी मनोहरपुर के विधायक के रूप में देख रहीं हैं.