रांची: शनिवार को झारखंड की राजनीति की एक नई तस्वीर देखने को मिली. जहां कल दो- दो कद्दावर नेताओं के जन्मदिन पर अपने बेगाने और बेगाने अपने दिखे. यहां हम बात कर रहे हैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री सह झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के जन्मदिन की. इत्तेफाक से दोनों नेताओं का जन्मदिन शनिवार यानी 11 जनवरी को था. मजे की बात यह रही कि दोबारा सक्रिय राजनीति में लौटे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में दिशोम गुरु शिबू सोरेन से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया और उन्हें जन्मदिन की बधाइयां दी, मगर बाबूलाल मरांडी से नहीं मिले.
बाबूलाल मरांडी ने रांची में कुछ कार्यकर्त्ता के साथ जन्मदिन मनायीं. रांची में रघुवर दास भी थे लेकिन गुरूजी शिबू सोरेन से मिले लेकिन रांची में ही मौजूद बाबूलाल मरांडी से नहीं मिले. न ही उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. यह चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दे कि झारखंड भाजपा में आदिवासी विधायक के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और बाबूलाल मरांडी के अलावा दूसरा कोई नेता नहीं है. रघुवर दास की दोबारा एंट्री के बाद सियासी गलियारों में आदिवासी नेताओं को दरकिनार करने की सुगबुगाहट एक बार फिर से नजर आने लगी है. आपको बता दे की 2019 के चुनाव में रघुवर दास के गैर आदिवासी होने का नॉरेटिव सेट कर ही हेमंत सोरेन ने चुनाव में जीत दर्ज की थी. इसके बाद ही बाबूलाल मरांडी की भाजपा में एंट्री कराई गई थी. लेकिन एक बार फिर से आदिवासी नेता को भाजपा में दरकिनार करने की कोशिश शुरू हो गई है. इसको लेकर भाजपा में फिर से खेमेबाजी को हवा मिल गयी है.