गया/ Pradeep Ranjan भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती शहर के कालीबाड़ी मोहल्ला स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सह भाजपा नेता डॉ. मनीष पंकज मिश्रा के नेतृत्व में मनाई गई. सर्वप्रथम उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया.
इस अवसर पर भाजपा नेता डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति के एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने किसानों और ग्रामीण भारत की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर सशक्त रूप से प्रस्तुत किया. 23 दिसंबर 1902 को उत्तरप्रदेश के हापुड़ जिले में चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, इसलिए 23 दिसंबर को उनकी जयंती किसान दिवस के रूप में मनाई जाती है. वे किसानों के बड़े नेता थे.
चौधरी चरण सिंह ने 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने अपने कार्यकाल में कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी. उन्होंने गरीब किसानों के कर्ज़ माफी और भूमि सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाया था, उनकी नीतियां कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं. चौधरी चरण सिंह ने आर्थिक नीतियों में संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आर्थिक असमानता को कम करना उनका प्रमुख लक्ष्य था. उन्होंने ‘अंत्योदय’ का नारा देकर समाज के सबसे गरीब वर्ग के उत्थान पर जोर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न प्रदान किया गया. यह निर्णय देश के किसानों और गरीबों के प्रति उनकी सेवा और योगदान की सच्ची श्रद्धांजलि है. श्रद्धा सुमन व्यक्त करने वालों में राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता, राणा रणजीत सिंह, संतोष ठाकुर, दीपक पांडेय, अनिल यादव, अजय भट्टाचार्य, ललन कुमार, प्रसादी कुमार, नीरज सिंह, धर्मेंद्र पांडे, हीरा यादव, महेश यादव, मंटू कुमार, बबलू गुप्ता आदि लोग शामिल थे.