सरायकेला/ Pramod Singh जिला व्यवहार न्यायालय में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया.
पीडीजे ने कहा लोक अदालत के फैसले से किसी पक्ष की हार या जीत नहीं होती है बल्कि दोनों पक्षों को समान रूप से देखते हुए मामलों का निष्पादन होता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत के फैसले से दोनों पक्ष राहत महसूस करते हैं. दोनों पक्ष खुश रहते हैं और हंसी- खुशी घर लौटते हैं. उन्होंने कहा कि लोक अदालत में किसी वाद का निपटारा नहीं होता है बल्कि एक संपूर्ण वाद का निपटारा होता है. लोक अदालत के फैसले पर किसी प्रकार की अपील नहीं की जाती है अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठाएं.
उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से कहा कि किसी भी विवादों में ना पड़े और अपने बाल बच्चों पर ध्यान दें उन्हें उचित शिक्षा दें. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव तौसीफ मेराज ने कहा कि अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करने का लक्ष्य रखते हुए लोक अदालत का आयोजन किया गया है. जिला व्यवहार न्यायालय में कुल 6 बेंच का गठन कर लोक अदालत से संबंधित मामलों का निष्पादन किया गया. जबकि चांडिल अनुमंडल न्यायालय में मामलों का तुरंत निष्पादन के लिए दो बेंच का गठन किया गया था. जिसमे कुल 6179 वादों का निष्पादन किया गया जिसमे 571 न्यायालय में लंबित मामले और 5608 प्रे लिटिगेशन वाद का निष्पादन हुआ और कुल 1 करोड़ 13 लाख रुपये की प्राप्ति की गई. मौके पर प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट वीरेश कुमार, एडीजे-1 चौधरी एहसान मोइज, सीजेएम कवितांजलि टोप्पो, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम अनामिका किस्कू, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार, सचिव देवाशीष ज्योतिषी, सह सचिव जलेश कवि व अधिवक्ता ओमप्रकाश समेत अन्य उपस्थित रहे.