सरायकेला: राज्य के अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सह भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक षाड़ंगी ने राज्य में बीजेपी के प्रदर्शन पर अपनी वेदना प्रकट करते हुए पार्टी के नीतियों की जमकर आलोचना की है. दरअसल उन्होंने जगन्नाथपुर विधानसभा के लिए बीजेपी के बनाए गए प्रभारी शैलेंद्र सिंह के एक फेसबुक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
अपनी प्रतिक्रिया में श्री षाड़ंगी ने लिखा है ” 2020 से प्रदेश संगठन में स्थानीय और मूलवासियों को अनदेखा किया गया, जिसके कारण दल से मूलवासी और पिछड़ी जाति के लोगों ने यह मान लिया कि इस दल में जो जितनी चापलूसी करेगा उसे संगठन में उतना तरहीज मिलेगा. जमीनी हकीकत से यह दल दूर हो गयी. कागज कलम से संगठन चल सकता है पर जमीन नहीं जीती जा सकती. पार्टी ने चुनाव में भी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की.
आगे उन्होंने लिखा है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने सीधा संपर्क प्रत्याशियों से किया और उन पर भरोसा किया. हम आदिवासी क्षेत्र से अधिकतर लोकसभा और विधानसभा हार गए इसका कारण हमारे दल में जितने आदिवासी नेता हैं सभी अपने समुदाय में पकड़ नहीं रख पाए. सभी शहर में रहने लग गए. जबतक उन समुदाय के साथ नहीं रहेंगे या उनकी भावनाओं को नहीं समझेंगे तब तक हमारे परिणाम इसी तरह होते रहेंगे. आज भी दल के नेताओं को झारखंड की भौगोलिक स्थिति की जानकारी नहीं है. बाहर से जो भी आते हैं उन्हें सिर्फ शहरों में या बड़े शहरों में घुमा दिया जाता है और वे वहीं से चले जाते हैं. आप जिन नेताओं या प्रभारी के बारे में बात करते हैं कभी उनसे पूछे ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी या मूलवासियों के भावनाओं की जानकारी लेने का प्रयास किया ? कभी बोरो खिलाड़ी से टीम नहीं जितना. जो अपने हैं और दल के साथ जुड़े हैं उन्हें डरा कर किनारा करना आज का चुनाव परिणाम इसी ओर इशारा करता है. 2019 का भी परिणाम ऐसा ही हुआ था. कभी नीचे स्तर के कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी जाती या उनकी भावनाओं को नहीं समझा जाता. उन्होंने लिखा कि 1977 से चुनाव में सक्रिय रहते हुए कई अनुभव को देखा है. उस समय से 2004 तक कार्यकर्ताओं को जो सम्मान मिलता था आज वह नहीं दिख रहा है. गांव में ऐसे कार्यकर्ताओं की टोली है जो जनसंघ के समय से दल के प्रति काम करते थे उनको पूछने वाला कोई नहीं है.