आदित्यपुर: थाना अंतर्गत सैनी मेडिकल के समीप बुधवार को निर्दोष युवक को मारपीट कर घायल करने के आरोपियों को पुलिस ने थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया. जिसके बाद घायल युवक और उसके परिजन दहशत में हैं. इस संबंध में थाना प्रभारी ने बताया कि जिन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुए थे उसके अनुसार सात साल से कम सजा का प्रावधान है इसलिए आरोपियों को मजबूरन जमानत देनी पड़ी.
क्या है मामला
शिकायत कर्ता युवक अंकित मुखर्जी उर्फ राहुल जो मूल रूप से बड़ा बाजार पुरुलिया का रहने वाला है वह अपने बुआ के घर हरिओम नगर आया हुआ था. पुलिस को दिए आवेदन में उसने बताया है कि बुधवार देर रात करीब 9:00 बजे के आसपास वह दावा लेने सैनी मेडिकल आया था. इसी दौरान एक स्प्लेंडर पर सवार युवक तेज रफ्तार से उसे धक्का मारते हुए रोक दिया. उसने जब विरोध किया तो गाली गलौज करते हुए बाइक से उतरकर उसके साथ मारपीट करने लगा उसने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी इस बीच युवक ने अपने दो अन्य साथियों को भी बुला लिया उसमें एक उसका भाई भी शामिल था. तीनों मिलकर उसे बेरहमी से मारपीट करने लगे. जैसे ही उसे पर पत्थर से मारने को हुआ कि तभी पीसीआर वैन वहां पहुंच गई और एक युवक को धर दबोचा. जबकि असल आरोपी भागने में सफल रहे. दोनों युवको ने भागते- भागते जान से मारने की धमकी दी. इधर पकड़े गए युवक ने अपने भाई का नाम अफरोज और उसके दोस्त का नाम मुन्ना बताया. पुलिस ने युवक को रातभर थाने में रखा और गुरुवार को आरोपियों को थाने से ही जमानत दे दी. इधर दिनभर घायल युवक अपना ईलाज कराने के लिए गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर एमजीएम अस्पताल तक भटकता रहा.
लूंगा कोर्ट की शरण: पीड़ित
इस संबंध में जानकारी देते हुए पीड़ित युवक अंकित मुखर्जी ने बताया कि उसके साथ न्याय नहीं हुआ है. जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया था तो कम से कम एक बार उन्हें मेरे समक्ष लानी चाहिए थी. ताकि मुझे मेरा कसूर पता हो जाता. मुझे किस गुनाह की सजा उन्होंने दी जो बीच सड़क पर मुझे बेरहमी से पीटा और जान से मारने की धमकी दी. इस तरह से हर कोई कानून की खामियों की वजह से बेकसूर को बीच सड़क पर मारपीट कर आसानी से थाने से ही जमानत पर छूट जाएगा तो आम लोग इंसाफ की उम्मीद किससे करे.