रांची/ K. D. Rao भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल सुधीर श्रीवास्तव के नेतृत्व में चुनाव आयोग पहुंचा और जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और ज्ञापन देकर मांग किया कि विधान सभा चुनाव तक इरफान अंसारी को राज्य बदर कर दिया जाय और उनको नामांकन से रोका जाए साथ ही उनके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया जाए.
सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि सीता सोरेन जी एक अनुसूचित जन जाति और विधवा महिला है और किसी विधवा महिला को “रिजेक्टेड माल” कहकर संबोधित करना न सिर्फ आदिवासियों का अपमान है बल्कि राज्य और देश के सभी विधवा महिलाओं का भी अपमान है. कांग्रेस पार्टी का आदिवासी महिला के बारे में क्या सोच है वो अब जग जाहिर हो चुका है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 में प्रावधान है कि जो कोई भी व्यक्ति किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा गंभीर अपराध करेगा उसको दंडित किया जाएगा. आज दुर्गा सोरेन जी जीवित होते तो क्या इरफान अंसारी ऐसा व्यक्ति उनकी पत्नी को ऐसा शब्द कह पाते ? प्रतिनिधिमंडल ने इरफान अंसारी के द्वारा कहा गया शब्द का वीडियो भी जमा किया है. प्रतिनिधिमंडल में लक्ष्मी पात्रो शामिल थी.
इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विश्वसनीय माने जाने वाले कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी ने सीता सोरेन के बारे में अशोभनीय और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर सारी मर्यादाएं लांघ दी है. मैं इरफ़ान अंसारी के इस कुकृत्य की निंदा करता हूं.
कहा कि जबसे सीता सोरेन जी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया है, तबसे झामुमो कांग्रेस के नेताओं द्वारा उनके उपर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी इन हमलों का ज़वाब देने में सक्षम है, परंतु राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते क्या यह उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता, श्री दुर्गा सोरेन जी की धर्मपत्नी के प्रति इस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले को आप अपने गठबंधन से बाहर करें ?
कहा कि हेमंत सोरेन जी, झारखंड की जनता देखना चाहती है कि अपने ही परिवार की एक सदस्य के बारे में इस निम्नस्तरीय टिप्पणियों पर आप क्या निर्णय लेते हैं ? यदि आप इस बयान के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि आपके शह पर एक महिला जनप्रतिनिधि के उपर निजी हमले किए जा रहे हैं. आगामी चुनाव में जनता भी निर्णय लेगी कि जो व्यक्ति अपने परिवार की रक्षा नहीं कर सकता, उसे राज्य की सुरक्षा का दायित्व कैसे सौंपा जा सकता है ?