सरायकेला: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर एनडीए ने जहां लागभग प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और वाम दल के बीच अभी सीट शेयरिंग का पेंच फंसा हुआ है. इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी बगैर नामों की घोषणा किए नामांकन दाखिल करने में जुटे हुए हैं. मजे की बात तो ये है कि प्रत्याशियों के नामांकन में मुख्यमंत्री भी शामिल हो रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बगैर नाम घोषित किए प्रत्याशियों को टिकट थमा दिया है ताकि अंतर्कलह को पाटा जा सके.
इधर झारखंड के सबसे चर्चित विधानसभा सीट सरायकेला विधानसभा सीट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पार्टी छोड़कर जाने के बाद अबतक पार्टी आलाकमान यह तय नहीं कर सकी है कि उसका उम्मीदवार कौन होगा. वहीं पार्टी के वैसे जमीनी कार्यकर्ता जिन्होंने चंपई सोरेन के साथ ना जाकर पार्टी से जुड़े रहने का निर्णय लिया और संगठन को संजीवनी देने का काम किया उनमें जिला अध्यक्ष डॉ शुभेंदु महतो, केंद्रीय कार्य समिति सदस्य गणेश चौधरी, गोपाल महतो, रुद्र प्रताप महतो, अमृत महतो, गोरा दा, कृष्णा बास्के, डब्बा सोरेन सरीखे जीवट कार्यकर्तओं ने आगे बढ़कर पार्टी की कमान संभाली. इनमें से डब्बा सोरेन और कृष्णा बास्के को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. इस बीच सोमवार को पैराशूट प्रत्याशी बास्को बेसरा और गणेश महाली के पार्टी में एंट्री के बाद जमीनी नेताओं के पांव से जमीन खिसकने लगी. ऐसे कयास लगने लगे कि अब पार्टी पैराशूट प्रत्याशियों पर दांव लगाएगी. मगर मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चांडिल में कृष्णा बास्के को लेकर कुछ संकेत दिए जिसके बाद कृष्णा के समर्थकों में अचानक ही खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. सूत्रों की माने तो कृष्णा बास्के के साथ जिला अध्यक्ष, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दोनों मामा, गोपाल महतो, रुद्र प्रताप महतो एवं अन्य नेताओं ने एक बड़े होटल में मीटिंग की है. हालांकि भुगलू सोरेन से भी मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर में गुप्तगू की है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि सरायकेला विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा का अगला प्रत्याशी कौन होता है.