पटना: बिहटा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में माइक्रो बायोलॉजी के जनक काहे जाने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. शंकर प्रकाश की पौत्री अनन्या शंकर ने एमबीबीएस में नामांकन कराया है. यह खास इसलिए है कि अनन्या के पिता प्रसिद्ध मधुमेह चिकित्सक डॉ आनंद शंकर इसी कॉलेज में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर हैं. सेवानिवृत्ति के बाद डॉ शंकर प्रकाश भी इस अस्पताल में अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं.
शनिवार को संपन्न हुए मैक्रोकोन- 2024 के समापन समारोह में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की मौजूदगी में डॉ. प्रो शंकर प्रकाश को विशेष रूप से सम्मानित किया गया. जानकारी हो कि प्रो. प्रकाश ने विभागाध्यक्ष काल में पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का माइक्रोबायोलॉजी विभाग से मान्यता प्राप्त किया और यहां की स्नातकोत्तर डिग्री देश में मान्य हुई. इन्ही के विभागाध्यक्ष काल में पीएमसीच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को अपना भवन मिला और विओरोलोजी विभाग स्थापित और कार्यान्वित हुई. डॉ प्रकाश ने पीएमसीच से स्नातक (1974) और स्नातकोत्तर (1980) में कर, बिहार सरकार की सेवा में आये और प्रदेश के विभिन मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवा दी. साल 2019 में सेवानिवृत्ति के बाद उभरते हुए मिक्रोबिओलॉजिस्ट का मार्गदर्शन और सामाजिक कार्यों से जुड़े है.
उनके परिवार में पत्नी श्रीमती सरिता प्रकाश एक व्यवसायी महिला है. उनके चार बच्चे, सबसे बड़े डॉ आनन्द शंकर जो एनएसएमसीएच में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर हैं. वे देश के जानेमाने मधुमेह चिकित्सक भी हैं. दूसरी पुत्री डॉ अमृता, दिल्ली में डेंटल सर्जन है. दामाद डॉ नितीश, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में सर्जरी विभाग में प्रोफेसर हैं. तीसरे पुत्र डॉ विकाश शंकर, पीएमसीच, में चर्म रोग विभाग में सहायक प्रोफेसर है, चौथे पुत्र डॉ विवेक शंकर एम्स दिल्ली में हड्डी रोग विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर है. तीनों बहुएं भी डॉक्टर हैं. सभी ने डॉ प्रो शंकर प्रकाश को बधाइयां दी और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की. साथ ही उनके दीर्घायु जीवन की कामना की.