जमशेदपुर: आगामी 22 सितम्बर रविवार को प्रस्तावित बिहार- यूपी स्वाभिमान एकता यात्रा पर रोक लगाने की मांग जेबीकेएसएस तथा जेएलकेएम ने उठाई है. इनके द्वारा जिले के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा गया है. जिसमें इन्होने कहा कि इस यात्रा मे कई बड़े नेतागण शामिल होंगे और इसका आयोजन जमशेदपुर की धरती पर हो रहा है, जबकि इसका नाम बिहार- यूपी स्वाभिमान यात्रा रखा गया है, जो गलत है.
जेबीकेएसएस नेताओं ने बताया कि झारखण्ड की धरती मे झारखंड स्वाभिमान यात्रा होनी चाहिए लेकिन राजनितिक षड्यंत्र के तहत इसका आयोजन किया जा रहा है. इस कारण इन्होने इसको रोके जाने की मांग की है.
इधर आयोजक सागर तिवारी ने बताया कि यह यात्रा हर हाल में होकर रहेगी. झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में बिहार- यूपी के लोगों ने भी अपना योगदान दिया है. राज्य की सरकारों ने स्थानीय नीति को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइंस तैयार नहीं किए हैं जिसका खामियाजा यहां रह रहे यूपी- बिहार के युवाओं को उठाना पड़ रहा है. 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति को हवा देकर जेबीकेएसएस/ जेएलकेएम ने यहां विद्वेष पैदा किया है. उनकी वजह से यहां के आदिवासी भी त्रस्त हैं. उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है. राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए जयराम महतो ने यहां विद्रोह की पृष्ठभूमि तैयार की है उसे हर हाल में बिहार- यूपी की एकता दिखानी होगी. हम कतई ऐसा नहीं चाहते थे मगर हमें विवश किया गया जिस वजह से इस यात्रा का आयोजन किया गया है. बता दें कि इसमें भाजपा नेता मनीष कश्यप बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.