Daily Panchang Thursday 12th. Sept. 2024 हिन्दू वैदिक संस्कृति में “दैनिक पंचांग” का विशेष महत्व रहा है. आज का पंचांग यानि दैनिक पंचांग अंग्रेंजी में Daily Panchang भी कह सकते हैं. दिन की शुरुआत अच्छी हो, जो काम हम आज करने वाले हैं उसमें हमें सफलता मिले. घर से लेकर दफ्तर तक, पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ में आज हम जो निर्णय लेने वाले हैं उनके परिणाम हमें सकारात्मक मिलें इसके लिये जरुरी है कि वह कार्य शुभ समय, शुभ मुहूर्त में शुरु किये जायें. महत्वपूर्ण निर्णय लेने के समय ग्रह, नक्षत्र एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हमारे लिये कर रहे हों. इसी की जानकारी हमें पंचांग से मिलती है. आज का पचांग (Aaj Ka Panchang) हमारे दैनिक रोजमर्रा के कामों के लिये काफी मददगार हो सकता है. हमें पता रहता है कि आज हमारे लिये कौन सा समय महत्वपूर्ण कार्यों को करने या निर्णयों को लेने के लिये शुभ परिणाम देने वाला रहेगा. इस प्रकार पंचांग की मदद से हम अपने दिन की एक बेहतर योजना बना सकते हैं.
ग्रह- नक्षत्र क्या है उनका हमारे जीवन मे क्या प्रभाव पड़ता है क्या है उनके नाम
ग्रह और नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ग्रह हमारे सौर मंडल के नौ ग्रह हैं जो कि सूर्य की परिक्रमा करते हैं और नक्षत्र चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए 27 स्थानों पर स्थित होते हैं.
ग्रह: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु कहलाते हैं. इन्हें नवग्रह भी कहते हैं.
नक्षत्र: 29 प्रकार के होते हैं इन्हें अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्व फाल्गुनी, उत्तर फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद और रेवती के नाम से जाना जाता है. इन ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति और परस्पर क्रिया से ज्योतिषी भविष्यवाणी करते हैं और मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करते हैं. ग्रह गणना ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें ग्रहों की स्थिति और उनके परस्पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है. ग्रह गणना से हमें पता चलता है कि कौन सा ग्रह किस समय किस राशि में है और उसका प्रभाव हमारे जीवन पर कैसे पड़ेगा.
ग्रह गणना में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है
ग्रहों की स्थिति: ग्रहों की स्थिति का अध्ययन किया जाता है कि वे किस राशि में हैं और किस दिशा में चल रहे हैं.
ग्रहों के योग: ग्रहों के योग का अध्ययन किया जाता है कि वे किस प्रकार के योग बना रहे हैं और उनका प्रभाव कैसे होगा.
ग्रहों के दृष्टि: ग्रहों के दृष्टि का अध्ययन किया जाता है कि वे किस राशि पर अपनी दृष्टि डाल रहे हैं और उसका प्रभाव कैसे होगा.
ग्रहों के कला: ग्रहों के कला का अध्ययन किया जाता है कि वे किस प्रकार के कला में हैं और उनका प्रभाव कैसे होगा.
ग्रह गणना से हमें पता चलता है कि कौनसा ग्रह हमारे लिए शुभ या अशुभ है और उसका प्रभाव हमारे जीवन पर कैसे पड़ेगा. इसके आधार पर हम अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं.
आज क्या कहते है आपके ग्रह- नक्षत्र
आज भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. साथ ही आज मूल नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 53 मिनट तक उपरांत पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का आरंभ होगा. राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 21, शक संवत 1946, भाद्रपद, शुक्ल, नवमी, बृहस्पतिवार, विक्रम संवत 2081। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 28, रबि-उल्लावल 08, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 12 सितम्बर सन् 2024 ई. सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, शरद ऋतु. राहुकाल अपराह्न 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक। नवमी तिथि रात्रि 11 बजकर 33 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ।मूल नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 53 मिनट तक उपरांत पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का आरंभ. आयुष्मान योग रात्रि 10 बजकर 41 मिनट तक उपरांत सौैभाग्य योग का आरंभ. बालव करण पूर्वाह्न 11 बजकर 40 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ. चन्द्रमा दिन रात धनु राशि पर संचार करेगा.
आज श्रीचंद नवमी है.(उदासीन- सम्प्रदाय) के लिए. श्री भागवत सप्ताह पाठारंभ, गण्डमूल रात्रि 09 बजकर 53 मिनट. तक आज सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 4 मिनट पर होगा. सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 29 मिनट पर होगा.
आज का शुभ मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 18 मिनट तक. विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से 3 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक. गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 29 मिनट से 6 बजकर 53 मिनट तक. अमृत काल सुबह 6 बजकर 4 मिनट से 7 बजकर 37 मिनट तक.
आज का अशुभ मुहूर्त राहुकाल दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक. सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा. सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा. दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 13 मिनट से 11 बजकर 3 मिनट तक. इसके बाद दोपहर में 3 जकर 11 मिनट से शाम में 4 बजे तक.
आज का उपाय आज केले के पेड़ पर हल्दी और गुड़ डालकर जल अर्पित करें.
घोषणा: यह अंक हमने अपने पाठकों के विशेष अनुरोध पर शुरू किया है. इसे तैयार करने में हमने कई विद्वानों से रायशुमारी कर एक निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद प्रकाशित कर रहे हैं. इस दैनिक पंचांग का किसके जीवन में क्या असर डालेगा इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी. ज्योतिष शास्त्र एक साधन है आप सत्कर्म के मार्ग पर चले. हो सकता है इनका अनुसरण कर आप एक बेहतर जीवन प्राप्त कर सकते हैं. इन सबके बावजूद कर्म सबसे महान होता है आप कर्म करते रहें फल की चिंता न करें. यदि कोई ज्योतिष अपने नाम के साथ इस अंक को प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो संपर्क करें.