गम्हरिया: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को सरायकेला पहुंचे. जहां उन्होंने कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों के “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” की चनयनित योग्य 21 से 50 वर्ष की महिलाओं खाते में 57 करोड़ 38 लाख 99 हजार रुपए की राशि हस्तांतरित की. बता दें कि तीनों जिलों में इस योजना की अबतक 5 लाख 73 हजार 899 लाभुक चिन्हित किए गए हैं. यह योजना आगे भी चलती रहेगी.
इस कार्यक्रम में तीनों जिलों से हजारों की संख्या में लाभुक एवं झामुमो कार्यकर्ता जुटे. इस योजना के पहले चरण में पूर्वी सिंहभूम जिले से 2 लाख 47 हजार 728 लाभुकों को 24 करोड़ 77 लाख 28 हजार रुपए, पश्चिमी सिंहभूम जिले से 1 लाख 82 हजार 336 लाभुकों को 18 करोड़ 23 लाख 36 हजार रुपए, और सरायकेला- खरसांवा जिला से 1 लाख 43 हजार 835 लाभुकों को 14 करोड़ 38 लाख 35 हजार रुपए के पहली किस्त की राशि हस्तांतरित किए गए. मौके पर मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री श्रीमती बेबी देवी, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सिंहभूम की सांसद श्रीमती जोबा मांझी, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, गांडेय विधायक श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन, ईचागढ़ विधायक श्रीमती सविता महतो, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, सहित कोल्हान के तीनों जिलों के “इंडिया” गठबंधन के विधायक मौजूद रहे.
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना को झारखंडी महिलाओं के लिए वरदान बताया. वहीं मंच से बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमने राज्य से डबल इंजन की सरकार को छीनकर सरकार बनाई. 2019 में सरकार बनते ही राज्य की जनता ने कोरोना त्रासदी के दौर को झेला. उस दौर में हमारी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी. सीमित संसाधनों के बीच हमारी सरकार ने राज्य की जनता को बचाने का काम किया. लाखों नौकरियां चली गई. पूरा देश त्राहिमाम कर रही थी, मगर हमारी सरकार ने देश के कोने- कोने में फैले झारखंडी मजदूरों को हवाई जहाज से लाने का काम किया. प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने देश की जनता को सपना दिखाया था कि हवाई चप्पल वालों को भी हवाई जहाज से घुमाया जाएगा. मगर उनके कार्यकाल में कोरोना के दौर में देश में भुखमरी की स्थिति आ गयी.
आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी पिछले पांच महीने से राज्य को अशांत करने के लिए असम और छत्तीसगढ़ से नेताओं को बुलाकर साजिश रच रहे हैं. यहां घुसपैठ के मुद्दे को हवा देकर साम्प्रदायिक सौहाद्र बिगड़ रहे हैं. हमारी सरकार बनते ही हर घंटे उसे गिराने में जुटी रही. धनबल और सरकारी एजेंसियों के बल पर चुनी हुई सरकारों को अशांत करने में जुटी रहती है. हमारी सरकार ने दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन करके दिखा दिया कि हमारी सरकार आदिवासियों की हितैषी है बीजेपी नहीं. बीजेपी के नेता तो विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं और बधाई देने की भी जोहमत नहीं जुटा पाते. हमारी सरकार ने गांव- गांव सरकारी पदाधिकारियों को भेजकर उनकी समस्याओं को सुलझाने का काम कर रही है. इसी का परिणाम है कि राज्य की पिछले डबल इंजन की सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में मात्र 15 लाख लोगों को पेंशन देने का काम किया, मगर हमारे गठबंधन की सरकार ने मात्र साढ़े चार साल में 40 लाख लोगों को पेंशन देने का काम किया है. खासकर महिलाओं के लिए हमारी सरकार ने जन्म से लेकर जीवन के भरण- पोषण तक की योजना चला रही है. “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के जरिए राज्य की सभी महिलाएं खुशहाल होने जा रही है. उन्होंने मंच से वायदा किया कि हमारी सरकार यदि फिर से सत्ता में आती है तो राज्य के हर परिवार में एक लाख रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. ऐसा पिछले किसी भी सरकार ने नहीं किया. उन्हें तो केवल हिंदू- मुस्लिम करना है. बेरोजगारी भत्ता को लेकर उठते सवाल पर मुख्यमंत्री ने मंच से विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जाकर ब्लॉक में पता करें, कि राज्य के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है या नहीं. विपक्ष के लोग तरह- तरह के षडयंत्र और साजिश रच कर सरकार को परेशान कर रही है. आजकल नया नेता और नया कैंडिडेट कैसे- कैसे रोटी सेंक रहे हैं यह राज्य की जनता देख रही है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक रूप से जब नहीं सफल हो पाते हैं तो तरह- तरह के हथकंडे अपनाकर सरकार को परेशान किया जा रहा है. वीर शहीद सीदो- कान्हू, चांद- भैरव, फूलो- झानो, पोटो हो के वंशज हर जुल्म और सितम को सहने के लिए तैयार है. हमारे राज्य से देश का खजाना चलता है. हमारी सरकार बनने के बाद हमने जब 1. 26 हजार करोड़ की मांग की तो हमें जेल में डाल दिया गया, मगर हम झारखंडी अपना हक और अधिकार लेना जानते हैं. आने वाले समय में यहां के खनिज- संपदा निकालने वाली कंपनियों से सारा हिसाब लिया जाएगा. हमारी सरकार ने अग्निवीरों के शहीद होने पर उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है, इसका कानून बना दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया है. हमारी सरकार बिजली बिल माफ करने जा रही है. पूरे संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का जिक्र नहीं किया.