खरसावां: विधानसभा सीट बीजेपी के लिए “एक अनार सौ बीमार” वाली कहावत बनने जा रही है. जहां से अबतक छः नेताओं ने विधानसभा टिकट की दावेदारी ठोकें हैं. इसी कड़ी में सातवें उम्मीदवार के रूप में कुचाई के वरिष्ठ भाजपा नेता लखीराम मुंडा ने देवादारी पेश की है. इसको लेकर उन्होंने जिलाध्यक्ष को आवेदन देते हुए कहा है कि वह 1995 से भाजपा संगठन से जुडे हुए है तथा निष्ठा व समर्पण भाव से जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे है.
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पिछले तीन दशकों में वह पार्टी में कई दायित्वों को भी संभाल चुके है. पार्टी में वह कुचाई के रुगुडीह पंचायत अध्यक्ष से लेकर प्रखंड अध्यक्ष, जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष, एसटी मोर्चा के जिलाध्यक्ष समेत सांसद प्रतिनिधि का कार्यभार संभाल चुके है. रुगुडीह से मुखिया भी रह चुके है. भाजपा जिलाध्यक्ष को सौंपे पत्र में लखीराम मुंडा ने कहा कि क्षेत्र की जनता से उनका सीधा जुड़ाव है. उन्होंने पार्टी के जिलाध्यक्ष से खरसावां विस क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने की मांग की है. लखीराम मुंडा ने कहा कि खरसावां से अगर पार्टी विस चुनाव के लिये टिकट देगी, तो निश्चित रुप से चुनाव लडेंगे और जीत दर्ज करेंगे.
बता दें कि खरसावां विस क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिये अब तक सात दावेदार सामने आये है. खरसावां के पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय, चाईबासा के पूर्व विधायक जवाहर लाल बानरा, कुचाई की जिप सदस्या जींगी हेंब्रम, खरसावां के पूर्व जिप सदस्य कुंवर सिंह बानरा, लाल सिंह सोय, अनिता सोय के बाद अब लखीराम मुंडा ने भी जिलाध्यक्ष को आवेदन कर टिकट पर दावेदारी पेश किया है. इन सभी देनाओं ने टिकट की दावेदारी करते हुए अपने- अपने चुनाव जीतने के संभावना पर तर्क भी दिये है.
*राज्य में हॉट सीट रही है खरसावां, दो टर्म से जीत रही है झामुमो*
खरसावां विस क्षेत्र राज्य की हॉट सीट रही है. यहां से विधायक रहते हुए अर्जुन मुंडा तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे है. परंतु पिछले दो विस चुनावों में यहां से भाजपा को हार का सामना करना पड़ है. (2014 व 2019) में यहां से झामुमो के दशरथ गागराई मतों के बड़े अंतर से जीतते रहे है. पिछले लोस चुनाव में भी खरसावां विस क्षेत्र से भाजपा करीब 15 हजार वोटों के अंतर से पिछड गयी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा यहां से किसे अपना प्रत्याशी बनाती है, जो विस के चुनावी वैतरणी में पार्टी को पार लगा सके.
*पहले चुनाव में कुचाई के उजींद्र लाल सोय ने जीत दर्ज की थी*
आजादी के बाद बिहार विस के पहले चुनाव में कुचाई के उजींद्र लाल सोय जीत दर्ज की थी. 1957 में हरिचरण सोय ने जीत दर्ज किया. 1962 के विस चुनाव में खरसावां विस क्षेत्र का विलय चक्रधरपुर विस क्षेत्र में कर दिया गया था. 1962 में चक्रधरपुर विस क्षेत्र अनारक्षित था तथा चुनाव में जनसंघी नेता रुद्र प्रताप षाडंगी ने जीत दर्ज कर विस पहुंचे थे. इसके पश्चात 1967 के विस चुनाव में खरसावां को चक्रधरपुर से अलग को पुन आरक्षित कर दिया गया. 1967 में हुए चुनाव में भारतीय जन संघी नेता देवीलाल माटिसोय ने जीत दर्ज की थी. 1969 के विस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चंद्र मोहन माझी तथा इसके तीन साल बाद 1972 में हुए चुनाव में अभाझापा के गुलाव गुलाव सिंह मुंडा ने जीते. इसके पश्चात देवीलाल माटिसोय ने 1977 में जनता पार्टी व 1980 में भाजपा के टिकट पर लगातार दो बार जीत दर्ज की. इसके पश्चात विजय सिंह सोय ने 1985 के चुनाव में निर्दलीय तथा 1990 में कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में जीत दर्ज की. इसके बाद 1995, 2000 व 2005 के चुनावों में अर्जन मुंडा ने ही जीत की हैट्रीक लगायी है. अर्जुन मुंडा ने 1995 में झामुमो तथा 2000 व 2005 में बीजेपी के टीकट से जीत दर्ज की. 2009 में भाजपा के मंगल सिंह सोय ने जीत दर्ज की. 2011 में हुए विस उप चुनाव में पुन अर्जुन मुंडा ने यहां से जीत दर्ज की. 2014 व 2019 के विस चुनाव में झामुमो के दशरथ गागराई ने खरसावां से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है.
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