आदित्यपुर: गुरुवार को ईडी की टीम ने इंडस्ट्रीयल एरिया प्रथम फेज स्थित हाईको इंजिनियरिंग कंपनी पहुंची. टीम यहां 2012 के एक धोखाधड़ी मामले की जांच करने पहुंची थी. बता दें कि ईडी की 7 सादस्यीय टीम गुरुवार 11:30 बजे कंपनी पहुंची थी और देर शाम करीब 4:30 बजे पूछताछ के बाद बाहर निकली. इसकी जानकारी कंपनी के प्रबंध निदेशक तापस साहू ने दी. उन्होंने बताया कि करीब तीन घंटे तक ईडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की और संतुष्ट होकर लौट गए. उन्होंने उनके घर अथवा अन्य ठिकानों पर किसी तरह की कार्रवाई से इंकार किया है.
क्या है पूरा मामला
श्री साहू ने बताया कि ईडी की टीम यहां उनके कंपनी के नाम से साल 2012 में हुए सात करोड़ के फर्जी ट्रांजेक्शन के सिलसिले में पूछताछ करने पहुंची थी. उन्होंने बताया कि कोलकाता में उनकी कंपनी के नाम से यूको बैंक में विकास महापात्र और सुप्रिया राय ने फर्जी दस्तावेज पर खाता खुलवाकर लगभग 7 करोड़ का ट्रांजैक्शन कर फरार हो गए हैं. उन्होंने बताया कि दोनों ने फर्जी तरीके से कंपनी के नाम का इस्तेमाल करते हुए ट्रेडिंग और गारमेंट का कारोबार दिखाए थे. ईडी ने सारे दस्तावेज लिए और रांची मुख्यालय भेजा. फिर रांची से रिपोर्ट आने के बाद शाम 4:30 बजे ईडी की टीम वापस लौट गई. 2012 में उनके के अलावा सत्यजीत साहू, संजय सिंह, राजीव रंजन और एमपी सिंह कंपनी के डायरेक्टर हुए हुआ करते थे. मामले में एक्साइज की टीम ने छापेमारी की थी, लेकिन जांच में फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आई जिसके आधार पर सारे दस्तावेज उनके हाथ लगे. 2020 में यूको बैंक केनरा बैंक में मर्ज हो गया. फिर यह केस सीबीआई को मिला. सीबीआई ने भी यहां आकर छानबीन की और फिर दस्तावेज के आधार पर उनको क्लीनचिट देकर चली गई. गुरुवार को ईडी की टीम पहुंची और उक्त मामले में छानबीन कर दस्तावेज लेकर चली गई.
भूलवश हमें जानकारी मिली थी कि उक्त कंपनी एसिया के पूर्व उपाध्यक्ष संजय सिंह की है. इस वजह से गलती से उनके नाम की जिक्र हमारे पिछले रिपोर्ट में हो गई थी. हालांकि तापस साहू ने अपने बयान में बताया है कि जिस वक्त का ये मामला है उस वक्त उक्त कंपनी में श्री सिंह भी डाइरेक्टर थे. फिर भी हमने अपने साईट से उक्त रिपोर्ट को हटा दिया है.
सुनें क्या कहा कंपनी के प्रबंध निदेशक तापस साहू ने