सरायकेला/ Pramod Singh सरायकेला जगन्नाथ मंदिर कमेटी की ओर से सोमवार को घूरती रथयात्रा निकाली गई. इस अवसर पर सोमवार की शाम मौसी बड़ी में भक्तों और पुजारियों की उपस्थिति में पूजा- अर्चना कर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को मौसीबाड़ी गुंडिचा मंदिर से विधि- विधान के साथ विदाई दी गई.
जगह- जगह भक्तों ने पूजा- अर्चना किया. भक्तों द्वारा प्रभु जगन्नाथ के जयकारे से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. सबसे पहले भक्तों द्वारा उक्त तीनों विग्रह को कंधे पर उठाकर मौसी बाड़ी के मुख्य दरवाजे पर खड़े रथ पर लाकर सवार कराया गया. जिसके बाद जय जगन्नाथ, जय जय जगन्नाथ के जयकारे के बीच बाऊड़ा रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर रथ के आगे आगे चल रहे सैकड़ों की संख्या में भक्तों द्वारा महाप्रभु श्री जगन्नाथ के जयकारे लगाए गए.
रथ के ऊपर से पुजारियों द्वारा फेंके जा रहे महाप्रभु पर चढ़ाए प्रसाद को पूरे जोश के साथ भक्त लपकते रहे. इस दौरान महाप्रभु के रथ से लड्डू सहित अन्य मिठाइयों का भोग भक्तों के बीच फेका गया. रथ यात्रा के दौरान जय जगन्नाथ के नारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. चहुंओर भगवान जगन्नाथ के जयकारे के बिच भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने को लेकर काफी संख्या में महिला पुरुषों की भीड़ लगी रही. बाऊड़ा रथ यात्रा के पहले दिन तकरीबन ढाई सौ मीटर की रथ यात्रा कर महाप्रभु श्री जगन्नाथ कालूराम चौक पहुंचे. जहां रात्रि विश्राम के लिए बड़दांड पर रुके. इस अवसर पर भक्तों द्वारा कालूराम चौक पर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं बड़े भाई अग्रज बलभट का स्वागत करते हुए विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई . जानकारी हो जगन्नाथ धाम पुरी की तर्ज पर सरायकेला में आयोजित होने वाली क्षेत्र प्रसिद्ध रथ यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को महाप्रभु श्री जगन्नाथ रथ यात्रा कर अपनी बहन सुभद्रा एवं बड़े भाई अग्रज बलभद्र के साथ जगन्नाथ श्री मंदिर पहुंचेंगे.
सात जुलाई को भगवान जगन्नाथ भव्य रथ पर अपने भाई व बहन के साथ सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचे थे.
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