खरसावां: बड़ा आमदा स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन का प्रवचन करते हुए स्वामी अनूपानंद महाराज ने कहा भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य को जन्म- जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है. उन्होंने कहा भागवत महापुराण साक्षात भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है. भागवत पुराण वैष्णववाद का एक केंद्रीय ग्रंथ है. यह ग्रंथ धर्म का एक ऐसा रूप प्रस्तुत करता है जो वेदों से प्रतिस्पर्धा करता है, जो भक्ति अंततः आत्मज्ञान, मोक्ष और आनंद की ओर ले जाती है.
उन्होंने कहा कि भागवत पुराण के अनुसार श्री कृष्ण की आंतरिक प्रकृति और बाहरी रूप वेदों के समान है और यही दुनिया को बुरी शक्तियों से बचाता है. महाराज ने कहा भागवत पुराण का श्रवण का शुभ अवसर भाग्य से ही मिल पाता है. इस दौरान आरती एवम अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए. बता दें कि भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं पर आधारित इस कथा का आनंद प्रतिदिन सैकड़ो श्रद्धालुओं ले रहे हैं. 10 जुलाई से 16 जुलाई तक चलने वाली यह कथा संध्या 7 बजे शुरु हो जाती है. इस कथा को सुनने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.