रांची: राज्य में इसी साल होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. आयोग ने दुर्गा पूजा से पहले यहां चुनाव संपन्न कराने के संकेत दिए हैं. गुरुवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम ने पतरातू के लेक रिजॉर्ट में बैठक की है. टीम के बैठक में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त सह निर्वाचन पदाधिकारी शामिल हुए. टीम में सीनियर डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर धर्मेंद्र शर्मा, नितेश व्यास, प्रधान सचिव अरविंद आनंद और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग बीते एक महीने से वोटर्स वेरिफिकेशन सहित दूसरे जरूरी काम निपटाने में लगी हुई है.
आयोग की मानें तो इस बार झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराने की तैयारी चल रही है. आयोग इस बात की कोशिश में है कि विधानसभा चुनाव बहुत लंबा न खींचे. उसे अधिकतम दो चरणों में करा लिया जाए. संभावना है कि पहले चरण का चुनाव सितंबर के अंतिम सप्ताह और दूसरे चरण का चुनाव अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकता है. इस तरह आयोग प्रयास में है कि विधानसभा चुनाव दुर्गा पूजा से पहले समाप्त हो जाएं. बता दें कि झारखंड में 2014 और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव पांच- पांच चरण में हुए थे. यही वजह है कि पूरे राज्य में वोटर वेरिफिकेशन का काम चल रहा है. आयोग ने मतदाता सूची के प्रारूप के प्रकाशन की तारीख भी 25 जुलाई तय कर रखी है. वहीं वोटर लिस्ट के लास्ट नोटिफिकेशन की तारीख 19 अगस्त तय है. रांची पहुंचने के बाद टीम ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान आयोग की टीम ने राज्य में चल रही मतदाता पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा की. इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रवि कुमार ने कई जानकारियां केंद्रीय टीम को दी. वहीं राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी एमवी होमकर ने विधि- व्यवस्था की जानकारी आयोग को दी. उन्होंने टीम को बताया कि किस तरह लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में विधि- व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे.
इधर राज्य के राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगे हैं. झामुमो ने इसका विरोध करते हुए इसे केंद्र सरकार का साजिश करार दिया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार अन्य एजेंसियों की तरह चुनाव आयोग के जरिये राज्य की सरकार को समय से पहले हटाने का षड्यंत्र रच रही है.