रांची: अंततः मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार देर शाम राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया. दिनभर चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद चंपाई सोरेन की पांच माह पुरानी सरकार अब इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गई है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. संभवतः 7 जुलाई को तीसरी बार हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
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इससे पूर्व बुधवार को हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर सत्ताधारी विधयक दल की बैठक बुलाई थी. इसमें सत्ताधारी दल के सभी विधायकों के साथ कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी मौजूद थे. सभी ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाये जाने की वकालत की. उसके बाद चंपाई सोरेन ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. इसके साथ ही हेमंत सोरेन विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. विपक्ष ने इसे आदिवासियों का अपमान बताया है. साथ ही कोल्हान टाईगर के नाम से विख्यात चंपाई सोरेन को सर्कस का टाईगर बताया. आगे देखना यह दिलचस्प होगा कि चंपाई इस अपमान का बदला किस तरह से लेते हैं. पार्टी या सरकार में उनकी भूमिका क्या होती है. वैसे चंपाई सोरेन ने कई मौकों पर अपनी सरकार को हेमंत सोरेन पार्ट- 2 बताया था. हाल ही में उन्होंने कहा था कि पार्टी में सबकुछ ठीकठाक चल रहा है. अचानक से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी, जबकि उनके नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है.
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