सरायकेला: शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की जमानत पर रिहाई को पार्टी ने संविधान और जनता के विश्वास की जीत करार दिया है. इस संदर्भ में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ शुभेन्दु महतो ने कहा कि हेमन्त सोरेन की रिहाई संविधान विरोधी ताकतों के मुंह पर करारा तमाचा है. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को हमेशा से देश के संविधान और कानून व्यवस्था पर आस्था रही है. एक बार फिर साबित हो चुका है कि सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता. सत्य को बहुत देर तक छिपाकर नहीं रखा जा सकता है. आज़ भारतीय कानून व्यवस्था ने यह बता दिया है कि संविधान और कानून को खिलवाड़ समझकर दमनकारी राजनीति करने वालों को अच्छी तरह से सबक सिखाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस प्रकार से हालिया दिनों में संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करते हुए ओछी राजनीति के तहत बेगुनाहों को जेल में डालने की मुहिम चला रखी थी. कोर्ट ने उनके नापाक इरादों पर पानी फेर दिया. हेमन्त सोरेन की रिहाई न केवल लोकतंत्र की जीत है, बल्कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की भावनाओं की भी जीत है. डॉ महतो ने आगे कहा कि भाजपा कभी भी ये नहीं चाहती है कि झारखण्ड का कोई गरीब आदिवासी का बेटा उनसे आंखों में आंखें डालकर बात भी करे. यही कारण था कि एक साज़िश के तहत ग़लत आरोप लगाकर भूमिपुत्र हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया था, लेकिन सूबे की जनता सहित झामुमो को पूरा विश्वास था कि सत्य की जीत होगी. आखिरकार वह दिन भी आ ही गया. भाजपा की तानाशाही राजनीति हारी और लोकतंत्र की जीत हुई. आज़ का दिन समस्त झारखण्ड वासियों के लिए जश्न का दिन है. हेमंत दा के आने से पार्टी में पुनः एक नई ऊर्जा का संचार होगा. आनेवाले विधानसभा आम चुनाव के दौरान ऐतिहासिक जनादेश के साथ हेमन्त सोरेन फिर एक बार राज्य की बागडोर संभालेंगे. विधानसभा आम चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होना तय है.