गम्हरिया: प्रखंड के जगन्नाथपुर पंचायत प्रतिनिधि संतोष कुमार तिवारी द्वारा सीओ कमल किशोर के खिलाफ घूस मांगने के आरोपों की जांच प्रशिक्षु आईएएस कुमार रजत ने शुरू कर दी है. गुरुवार को श्री रजत प्रखंड कार्यालय पहुंचे. हालांकि समाचार लिखे जाने तक जांच जारी है. मिली जानकारी के अनुसार इससे पूर्व श्री रजत ने महिला बिदामी देवी और संतोष तिवारी से पूछताछ कर चुके हैं. उन्हें 28 जून यानी शुक्रवार को अंचलाधिकारी से पूछताछ करनी थी, मगर एक दिन पूर्व ही वे अंचलाधिकारी से पूछताछ करने पहुंचे. बीते शुक्रवार को संतोष कुमार तिवारी ने उपायुक्त के जनता दरबार में गम्हारिया सीओ पर जमीन के कागजात को ऑनलाइन करने के एवज में 20 हजार रुपये घूस मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. उपायुक्त ने मामले के जांच का जिम्मा प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी कुमार रजत को दी थी.
*जाने क्या है पूरा मामला*
शिकायतकर्ता संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि उनके पंचायत क्षेत्र की रहने वाली बिदामी देवी पति भुवनेश्वर शर्मा द्वारा एक जमीन खरीदी गई है. जिसका खाता संख्या 8, प्लॉट संख्या 140, रकबा 8 डिसमिल है. बीते 18 फरवरी को जमीन के कागजात ऑनलाइन करने के लिए अंचल अधिकारी को एक आवेदन दिया गया लेकिन जमीन के कागजात ऑनलाइन नहीं हुए. उसके बाद आवेदिका ने उनसे शिकायत की.जनप्रतिनिधि होने के नाते में लगातार अंचल अधिकारी गम्हरिया से संपर्क करने की कोशिश करता रहा, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण उनसे मुलाकात होना संभव नहीं था. बीते 13 जून को जब मैं अंचल अधिकारी से इस मामले को लेकर वार्ता करने गया तो मुझसे काम के एवज में 20 हजार नगद राशि घूस के रूप में भुगतान करने का आदेश गम्हरिया के अंचल अधिकारी कमल किशोर ने दे दिया. जिससे मैं स्तब्ध रह गया. मैंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि हूं लेकिन परिचय जानने के बावजूद उन्होंने मुझे यह कहा कि आप दौड़ते- दौड़ते मर जाइएगा लेकिन काम नहीं होगा. बल्कि पैसे देकर अपना काम करवा लीजिए. उन्होंने आवेदन में लिखा है कि मामले से झारखंड के मुख्यमंत्री के आप्त सचिव गुरु प्रसाद महतो को भी आवेदन उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने जांच की मांग करते हुए दोषी सीओ के खिलाफ कार्रवाई मांग की है.
*आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत: सीओ*
खुद पर लगे आरोपों को सीओ कमल किशोर सिंह ने बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है. उन्होंने कहा कि किसी तरह के पैसों की मांग नहीं की गई है. कर्मचारी ने जो जांच प्रतिवेदन दिया है उसके आधार पर पंजी- 2 में आवेदक का नाम दर्ज नहीं है. मगर संतोष तिवारी ने इसे मानने से इंकार करते हुए गलत तरीके से ऑनलाइन चढ़ाने के लिए दबाव देने का प्रयास किया. ऐसा नहीं करने पर मुझपर मिथ्या आरोप लगाया जा रहा है. वहीं सीओ ने बताया कि कुछ बिचौलिए किस्म के लोगों की वजह से अंचल कर्मियों को काम करने में परेशानी हो रही है. वे मनमाने तरीके से काम कराना चाहते हैं. वैसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वैसे इस प्रकरण में अब सबकी निगाहें विभागीय जांच रिपोर्ट पर टिक गई है.