गम्हरिया : आदिवासी कुड़मी समाज ने शुक्रवार को केंद्रीय अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो के नेतृत्व में गम्हरिया प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से मुलाकात की. इस दौरान जिला शिक्षा अधीक्षक को सौंपे गये ज्ञापन की प्रतिलिपि दी गई. बताया गया कि वर्तमान में भारत सरकार के नई शिक्षा नीति के तहत झारखण्ड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं का सर्वेक्षण करवाया जा रहा है.
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राज्य सरकार के नियमानुसार न्यूनतम 50 की भाषा संख्या वाले छात्रों पर संबंधित स्कूल में एक शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी. प्रखंड के कुड़मि बहुल गाँवों के अधिकांश स्कूलों में बाँग्ला या अन्य भाषा को भरकर दिया जा रहा है. ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों को बांग्ला के शिक्षक और बांग्ला लिपि में पढ़ना बाध्यता हो जायेगी. जबकि कुड़मि समुदाय की मातृभाषा कुड़मालि है और इसकी पढ़ाई देवनागरी लिपि में होती है, जिसे बच्चे आसानी से पढ़ और समझ पाते हैं.
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कुड़मालि भाषा की पढ़ाई शुरू होने से मातृभाषा के साथ उससे जुड़ी संस्कृति का संरक्षण भी संभव हो सकेगा. ज्ञापन के माध्यम से प्रत्येक स्कूलों में त्रुटियों को सुधार कर कुड़मि समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए कुड़मालि भाषा को दर्ज करने का निवेदन किया गया है. केंद्रीय अध्यक्ष ने समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने गाँव के स्कूल में जाकर अपने स्तर से भी भूल सुधार कराने का प्रयास करें और हर हाल में अपनी मातृभाषा कुड़मालि को ही दर्ज कराये. मौके पर आदित्यपुर नगर निगम वार्ड नं० 2 के वार्ड सदस्य अभिजीत महतो, तपन महतो, लकखिपदो महतो आदि शामिल थे.