जमशेदपुर: शहर भी बड़ा अजूबा शहर है. यहां क़ानून का डंडा रसूखदारों पर नहीं मजलूमों पर चलता है. कभी टाटा साहब ने इसे मजदूरों का शहर बनाने का सपना देखा था मगर अब मजदूर मजलूम बन चुके हैं. यहां मजदूरों की सुननेवाला कोई नहीं रह गया है. मजदूर आज कोई गुस्ताखी कर दे कल सालाखों के पीछे भेज दिए जायेंगे, मगर रसूखदार गलती करें तो उसे खाकी से लेकर खादी तक बचाने में जुट जाता है.
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चलिए आज आपको एक ऐसे मामले से रूबरू कराते हैं जिससे आप जान लेंगे कि जमशेदपुर में किसका राज चलता है. जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा का कदमा इलाका स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का इलाका है. मंत्री का यहां पैतृक आवास भी है. यहां टाटा का कमांड एरिया भी है. क्या मजाल कि कोई गरीब एक इंच जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर ले. अब आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी कदमा इलाके में जमीन माफिया न केवल सरकारी जमीन बेच रहे हैं बल्कि उसमें अवैध निर्माण भी धड़ल्ले से करा रहे हैं. इस पूरे खेल में टाटा प्रबंधन, सरकारी मशीनरी और स्थानीय पुलिस मौन है. यहां अनिल सूर पथ, मरीन ड्राइव, श्रीनाथ रेजीडेंसी, भव तारिणी मंदिर के समीप खाली पड़े सरकारी जमीन को भू माफियाओं ने बेच खाया है. अंदरखाने की माने तो इसके पीछे खाकी और खादी के बीच बड़ी डील हुई है और दोनों के मिलीभगत से करोड़ों की सरकारी जमीन माफियाओं ने कौड़ियों में बेच दिया है. कुछ लोग तो दबी जुबान से इसके पीछे स्वास्थ्य मंत्री के करीबियों का हाथ भी बता रहे हैं. ऐसे में जरा सोचिये क्या कोई गरीब यदि ऐसी हिमाकत करेगा तो उसे शासन- प्रशासन ऐसा करने देगा ?
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