आदित्यपुर: कल सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के लिए वोट डाले जाएंगे. करीब 14.50 लाख मतदाता प्रत्याशी के हार- जीत पर अपनी मुहर लगाएंगे. इस बार प्रत्याशियों ने आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में उतना जोर आजमाइश नहीं किया. खानापूर्ति के लिए एक- दो बार आकर ड्यूटी बजा दी. बाकी काम कार्यकर्ता संभाल रहे हैं.
आपको बता दें कि सिंहभूम संसदीय सीट के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आदित्यपुर के मतदाता ही करते हैं. यहां कुल 1 लाख 38 हजार 440 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या 70 हजार 841 हैं, जबकि महिला मतदाता की संख्या 67 हजार 598 हैं वहीं अन्य मतदाता की संख्या 1 है. यहां बूथ संख्या 64- 199 तक कुल 136 बूथ हैं. इसबार मतदाताओं में भी चुनाव को लेकर खास दिलचस्पी नहीं देखी गई. वहीं प्रत्याशियों ने भी अपना ध्यान ग्रामीण क्षेत्र पर केंद्रित रखा.
एनडीए और इंडिया महागठबंधन के प्रत्याशी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि दोनों ही खेमों के कैडर वोट उन्हें मिलना है. वैसे कैडर वोट के मामले में यहां एनडीए भारी है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से झामुमो ने बाजी मारी थी और सीएम चम्पाई सोरेन ने यहां से बड़ी बढ़त ली थी. आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के मतदाता काफी समझदार हैं और अपना भला- बुरा समझकर मतदान करते हैं. बतौर सांसद गीता कोड़ा ने आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की जनता के लिए क्या किया यहां की जनता इस बात को भली- भांति समझ रही है. हालांकि यहां की जनता को गीता कोड़ा से ज्यादा मोदी की गारंटी पर भरोसा है. खुद गीता कोड़ा भी चुनावी प्रचार के दौरान कई बार इस बात का जिक्र कर चुकी है, कि सिंहभूम सीट जीतकर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है. उन्होंने किसी भी मंच से पिछले 5 साल में किए गए उपलब्धियां को नहीं गिनाया. वैसे केंद्र प्रायोजित योजना आदित्यपुर शहरी जलापूर्ति योजना और सीवरेज- ड्रेनेज योजना पिछले 6 सालों में धरातल पर नहीं उतर सकी. और आदित्यपुर नगर निगम की जनता सीवरेज ड्रेनेज के लिए खोदे गए गड्ढों की वजह से जर्जर सड़कों पर चलने और बूंद- बूंद पानी को तरस गई जो चुनाव में मुद्दा नहीं बना.
मतदान जरूर करें: ओमप्रकाश
इधर जनकल्याण मोर्चा के अध्यक्ष और जिला बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष ओमप्रकाश ने कल होने वाले लोकतंत्र के महापर्व में नगर निगम क्षेत्र की जनता से बढ़- चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि 5 साल में एक बार यह मौका आता है इसे अधिकार समझकर अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें. चुनाव आयोग ने हर आयु वर्ग के मतदाताओं के साथ दिव्यांग और महिला मतदाताओं के लिए खास इंतजाम किए हैं.