सरायकेला: बीती रात आदित्यपुर थाना अंतर्गत टीचर्स ट्रेनिंग मोड़ स्थित एमटीसी मॉल के पीछे हुए बमबारी मामले में 12 घंटे बाद भी एसआईटी का गठन नहीं किया जाना न ही अपराधियों का सुराग हाथ लगना दर्शाता है कि जिले के नए पुलिस अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती होनेवाली है. आपको बता दें कि बीती रात अपराधियों ने कारोबारी अजय प्रताप और सप्लायर बाबू दास पर बोतल बम से हमला कर दिया था. उक्क्त हमले में अजय प्रताप गम्भीर रूप से जख्मी हुआ है, जबकि बाबू दास बाल- बाल बच गया. बाबू दास पर इससे पूर्व भी हमले हो चुके हैं.
कांड के उद्भेदन को लेकर अबतक एसआईटी का गठन नहीं किया गया है. न ही छापेमारी शुरू की गई है. विदित हो कि जिले के पुलिस कप्तान, एसडीपीओ और थानेदार सभी नए हैं. इनके पास हिस्ट्रीशीटर अपराधियों का सटीक आंकड़ा नहीं है. अंदरखाने की माने तो इसमें जिले में पदस्थापित पूर्व के ऑफिसर्स तलब किए गए हैं. उनसे जांच में सहयोग लेने की तैयारी चल रही है.
हमारी पड़ताल में अबतक जो निष्कर्ष सामने आए हैं उसके अनुसार कुख्यात संतोष थापा और कार्तिक मुंडा गिरोह ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है. इसके लिए उनके द्वारा पूर्व से सक्रिय स्थानीय अपराधियों की मदद ली गयी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अजय प्रताप सिंह और बाबू दास इन दिनों आनंदपुर मौजा में जमीन के कारोबार में अथाह पैसे कमा रहे हैं. इनके साथ डोमेनिक सैमसन मिला हुआ है. डोमेनिक कार्तिक मुंडा के नाम पर इलाके में अपनी दुकान चला रहा है. उसके साथ अजय प्रताप और बाबू दास मिलकर जमीन की दलाली से लेकर बिल्डरों को मेटेरियल सप्लाई का काम करते हैं. बाबू दास झामुमो का नेता भी है. इनलोगों ने मिलकर वन विभाग और सरकारी जमीन का भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी की है. संतोष थापा के साथ भी इनके संबंध ठीकठाक थे, जैसे ही इनका प्रभाव बढ़ा थापा इनसे मेटेरियल सप्लाई में अपने लोगों को काम देने का प्रस्ताव दिया. जिसे इन्होंने मानने से इनकार कर दिया. यहीं से संतोष थापा की इनके साथ दुश्मनी शुरू हो गयी. कुछ दिनों पूर्व इनके बीच में काफी विवाद भी हुए थे. इसके बाद संतोष थापा और कार्तिक मुंडा ने हाथ मिला लिए. मजे की बात ये ही कि पिछले 12 साल से कार्तिक मुंडा सरायकेला और जमशेदपुर पुलिस के लिए यक्ष प्रश्न बना हुआ है. कार्तिक यदि पुलिस के सामने आ भी जाये तो पुलिस उन्हें पहचान भी नहीं सकेगी. बावजूद इसके कार्तिक का गिरोह दोनों जिलों में सक्रिय है. कार्तिक बच्चू घोष हत्याकांड का मुख्य आरोपी रहा है. वह बेहद ही शातिर है और बड़े सलीके से कभी सागर लोहार तो काभि मनोज सरकार तो कभी कृष्णा गोप के साथ अपनी जुगत भिड़ा लेता है और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है. उसका नाम पुलिसिया तफ्तीश में जरूर आता है, मगर वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ता. इसबार उसने संतोष थापा के साथ हाथ मिलाए हैं. जबकि कुख्यात सागर लोहार, भट्टा लोहार, कृष्णा गोप, बबलू दास, मनोज सरकार सरीखे अपराधी सलाखों के पीछे हैं. जो अपराधी बाहर हैं उनमें से मोती विशोई, टूना सिंह, आशीष पति शामिल हैं. इसमें एक नया नाम राम मणि है, जो अपराध की दुनिया में नया है. इनमें से मोती बम चलाने में माहिर है. पुलिस यदि समय रहते इन अपराधियों के मूवमेंट का मिलान करे तो संभव है कि जल्द ही मामले का खुलासा हो. वैसे अजय और बाबू भी पुलिसिया तफ्तीश में अहम भूमिका निभा सकता है, बशर्ते उनकी नियत में ईमानदारी हो.